बदलाव के लिए बचपन से ही दी जाये ईमानदारी की शिक्षा

बोधगया: जब तक लोग ईमानदार नहीं होंगे , तब तक भ्रष्ट लोग व्यवस्था पर प्रहार करते रहेंगे. आर्थिक समरूपता के लिए भ्रष्ट लोगों से व्यवस्था को मुक्त कराना होगा, तभी असमानता को दूर करना संभव है. बेहतर व्यवस्था के लिए बच्चों में शुरू से ही ईमानदारी के गुण भरने होंगे. यें बातें सोमवार को मगध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:32 PM

बोधगया: जब तक लोग ईमानदार नहीं होंगे , तब तक भ्रष्ट लोग व्यवस्था पर प्रहार करते रहेंगे. आर्थिक समरूपता के लिए भ्रष्ट लोगों से व्यवस्था को मुक्त कराना होगा, तभी असमानता को दूर करना संभव है. बेहतर व्यवस्था के लिए बच्चों में शुरू से ही ईमानदारी के गुण भरने होंगे.

यें बातें सोमवार को मगध विश्वविद्यालय में आयोजित ‘मॉडर्न रिलीवेंस ऑफ वेदिक इकोनॉमिक्स’ विषय पर व्याख्यान देते हुए आमिलोस मेल्टन कल्चरल इंस्टीट्यूट,एथेंस के डायरेक्टर प्रोफेसर निकोलस कजानस ने कहीं. उन्होंने कहा कि वेदों के आधार पर अर्थशास्त्र का निर्माण किया गया था. आज जो स्थिति है, उसमें सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों में लालसा बढ़ी है.

लोग रातों-रात अमीर बनना चाहते हैं. प्रोफेसर कजानस ने कहा कि मनुष्य का वास्तविक संपत्ति उसकी नीति है, कर्तव्य व धर्म है, जबकि लोग जमीन आदि को संपत्ति मान कर बैठे हैं. जो कभी भी साथ नहीं जाता. आज आपका है, तो कल किसी और का हो जायेगा. अपने भाषण में उन्होंने ग्रीस की चर्चा करते हुए कहा कि लालच व ज्यादा अमीर दिखने के फिराक में आज वहां अधिकतर लोग कर्ज में डूबे हैं. सरकार भी सकते में है, लेकिन उससे बचने के उपाय उन्हें नहीं सूझ रहे हैं. वेदों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें हर संसाधन उपलब्ध कराया है, अब हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हमें उसका उपयोग कैसे करना है.

स्नातकोत्तर इतिहास व शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वागत भाषण इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार ने दिया. प्रोफेसर कजानस के व्याख्यान का हिंदी अनुवाद डॉ प्रमेंद्र प्रियदर्शी ने किया. कार्यक्रम को प्रोफेसर विश्वनाथ सिंह ने भी संबोधित किया. व्याख्यान को काफी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भी सुना.

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