23 नवंबर का रविवार ही व्रत के लिए शुभ तिथि

23 नवंबर को रविवार व्रत रखने का शुभ तिथि है. इसका नहाय-खाय 22 नवंबर यानी शनिवार को होगा. रविवार व्रत को छठ व्रत करनेवाले अनिवार्य रूप से करते हैं. अगला रविवार यानी 30 नवंबर की तिथि रवि व्र्रत के लिए अत्यंत अशुभ है. पंचक का शतभिषा नक्षत्र इस तिथि को है. यह स्त्रियों के स्नान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2014 4:02 PM

23 नवंबर को रविवार व्रत रखने का शुभ तिथि है. इसका नहाय-खाय 22 नवंबर यानी शनिवार को होगा. रविवार व्रत को छठ व्रत करनेवाले अनिवार्य रूप से करते हैं. अगला रविवार यानी 30 नवंबर की तिथि रवि व्र्रत के लिए अत्यंत अशुभ है. पंचक का शतभिषा नक्षत्र इस तिथि को है. यह स्त्रियों के स्नान के लिए अशुभ है. अत: एकमात्र 23 नवंबर ही रवि व्रत के लिए शुभ है. छठ व्रत का सारा विधान इस रविवार व्रत में होता है, किंतु सूर्य भगवान को अर्घ दान के तीसरे पहर में दिया जाता है. तीन अर्घ दूध से तथा दो अर्घ जल से दिया जाता है. सूर्य पूजन के बाद नया गुड़-चूड़ा का प्रसाद ग्रहण किया जाता है. रात में जल भी नहीं ग्रहण किया जाता है. यह रविवार व्रत अगहन मास से प्रारंभ होकर छठे मास में अर्थात वैशाख माह में पूर्ण होता है. हर एक माह के शुक्ल पक्ष में यह संपन्न होता है. छह माह का यह व्रत आरोग्यदायक, धनदायक व पुत्रदायक है. इसके बिना छठ व्रत पूर्ण नहीं होता. अर्थात छठ व्रत का यह अनिवार्य अंग है.—–आचार्य लाल भूषण मिश्र ‘याज्ञिक’

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