रामचंद्र मेहता का निधन पंचतत्व में विलीन

गया: राजेंद्र आश्रम जोगिया बगीचा के रहनेवाले रामचंद्र मेहता का विगत रविवार को निधन हो गया. वह 75 वर्ष के थे. बुधवार की सुबह फल्गु के किनारे विष्णुपद श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ. इस अवसर पर उनके परिजनों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में उनके अन्य शुभचिंतक भी घाट पर मौजूद थे. श्री मेहता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

गया: राजेंद्र आश्रम जोगिया बगीचा के रहनेवाले रामचंद्र मेहता का विगत रविवार को निधन हो गया. वह 75 वर्ष के थे. बुधवार की सुबह फल्गु के किनारे विष्णुपद श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ. इस अवसर पर उनके परिजनों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में उनके अन्य शुभचिंतक भी घाट पर मौजूद थे. श्री मेहता का निधन तीर्थाटन के दौरान जम्मू के कटरा में हुआ. करीब 50 लोगों के समूह में अपनी पत्नी शांति देवी के साथ शामिल होकर वह वैष्णोदेवी दर्शन के लिए गया से 12 जून को रवाना हुए थे.

श्री मेहता के पुत्र विजय कुमार मेहता ने बताया कि कटरा में विगत शनिवार की शाम उनकी तबीयत बिगड़ी. उनकी स्थिति को देखते हुए कटरा स्थित एक अस्पताल में उपचार के लिए उन्हें ले जाया गया. वहीं अगले दिन अर्थात् रविवार को उनका निधन हो गया. बाद में उनका शव गया लाया गया, जहां उनके परिजनों व शुभचिंतकों की मौजूदगी में उनका अग्नि संस्कार हुआ. वह पत्नी, तीन पुत्र व एक पुत्री के अतिरिक्त अन्य रिश्तेदारों से भरा-पूरा परिवार अपने पीछे छोड़ गये हैं. वह अत्यंत व्यवहार कुशल व मिलनसार व्यक्ति थे.

था मृत्यु का पूर्वाभास !
स्वर्गीय मेहता के पौत्र उत्तम के मुताबिक, जब वह अपने दादा को छोड़ने गया स्टेशन गया था, तो ट्रेन छूटने के ठीक पहले उन्होंने अपनी जेब से अपनी तसवीर निकाल कर उसे दी थी. तब उन्होंने अपने पौत्र से कहा था कि वह उनकी तसवीर रखे और उन्हें याद करता रहे.

अब जब वह नहीं हैं, उन्हें जानने-पहचाननेवाले निष्कर्ष निकाल रहे हैं कि संभवत: उन्हें तीर्थाटन पर रवाना होने से पहले गया छोड़ते वक्त अपनी मृत्यु का आभास हो गया था. स्वर्गीय मेहता की पुत्रवधू के अनुसार, घर से निकलते वक्त वह बार-बार पीछे मुड़ कर अपने घर को निहार रहे थे.

Next Article

Exit mobile version