‘वेतनमान दें, नहीं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें सरकार’

गया: परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि नियोजित शिक्षक वेतनमान के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दें, अन्यथा खामियाजा भुगतने को तैयार रहे. प्रदेश के तमाम नियोजित शिक्षक गोलबंद हो चुके हैं और अपमानित करनेवाली सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2014 7:02 AM

गया: परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि नियोजित शिक्षक वेतनमान के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दें, अन्यथा खामियाजा भुगतने को तैयार रहे.

प्रदेश के तमाम नियोजित शिक्षक गोलबंद हो चुके हैं और अपमानित करनेवाली सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कृत संकल्पित हैं. उन्होंने 22 दिसंबर से विधानसभा का अनिश्चितकालीन घेराव करने की घोषणा भी की. श्री ब्रजवासी, ‘शिक्षक संघर्ष रथ सह संकल्प यात्र’ सोमवार को गया पहुंचे के बाद गांधी मंडप में सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को आधे पेट रख कर राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना नहीं कर सकती. उन्होंने आम लोगों से भी बिहार को बचाने का आह्वान किया. कहा, सात-आठ माह गुजर जाने के बाद भी स्कूली बच्चों को पाठ्य-पुस्तक मुहैया नहीं कराया गया है. वित्त वर्ष 2013-14 में सर्व शिक्षा अभियान का 12 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार को लौटा दी गयी. और तो और मध्याह्न् भोजन योजना भी सरकार के नजरों में शैक्षणिक कार्य है.

संघ के प्रदेश संयोजक प्रणय कुमार ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होते ही महंगाई कई गुणा बढ़ जायेगी और एक चपरासी का वेतन भी 50-60 हजार रुपये हो जायेंगे. वैसे में शिक्षक बंधुआ मजदूर के समान जिंदगी जीने को विवश होंगे. प्रदेश प्रवक्ता देवेंद्र सिंह ने कहा कि 15 नवंबर को पटना से रथयात्र शुरू किया गया है. राज्य के सभी जिलों को भ्रमण कर 10 दिसंबर को किशनगंज में संपन्न होगा. सारण के अध्यक्ष विनोद यादव ने कहा कि यूपी, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ व ओडिशा आदि पड़ोसी राज्यों में नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिया जा चुका है. पर, बिहार के शिक्षकों की उपेक्षा की जा रही है. तिरहुत के प्रेस प्रभारी लखन लाल निषाद आदि ने कहा कि सभी शिक्षक वेतनमान के लिए एक बैनर के तले संघर्ष करने का निर्णय लिया है. इसका परिणाम बहुत जल्द दिखेगा.

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