ट्रेनों में लकड़ी व कोयले की अवैध ढुलाई
फोटो मानपुर 01- ट्रेन के बोगी में लकड़ी का ढुलायी से बंद दरवाजा.बोगियों में लकड़ी व कोयला रखे होने के कारण यात्रियों को हो रही परेशानी प्रतिनिधि, मानपुर गया-धनबाद रेलखंड पर धनबाद की तरफ से आने वाली सभी एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों में अवैध रूप से बड़े पैमाने पर लकड़ी व कोयले की ढुलाई हो […]
फोटो मानपुर 01- ट्रेन के बोगी में लकड़ी का ढुलायी से बंद दरवाजा.बोगियों में लकड़ी व कोयला रखे होने के कारण यात्रियों को हो रही परेशानी प्रतिनिधि, मानपुर गया-धनबाद रेलखंड पर धनबाद की तरफ से आने वाली सभी एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों में अवैध रूप से बड़े पैमाने पर लकड़ी व कोयले की ढुलाई हो रही है, जो रेल अधिकारियों की मिलीभगत से संभव नहीं है. हैरानी की बात यह है कि लकड़ी व कोयला लादने व उतारने के दौरान रेलवे के नियमों को ताक पर रख कर ट्रेनों को घंटों जहां-तहां खड़ा कर दिया जाता है. वहीं, बोगियों में लकड़ी व कोयला रखे होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. ट्रेन पर चढ़ने, उतरने व सीट को लेकर कई बार कोयला व लकड़ी लादने वाले लोगों व यात्रियों में मारपीट भी हो जाती है. गोरखधंधे में बड़े लोगों का संरक्षण लकड़ी व कोयले का गोरखधंधा काफी लाभकारी है. इसे बड़े सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त है. गया-धनबाद रेलखंड पर बंधुआ, रसलपुर गुमटी, गेरे, धनकुटी, ईश्वर चौधरी हॉल्ट समेत कई जगहों पर ट्रेनों से कोयला उतारा जाता है. साथ ही, पैसेंजर ट्रेनों में अवैध रूप से लायी जा रही लकडि़यों को भी उतारा जाता है. कोयला उतारने व लकड़ी ढोने में स्थानीय थाना, जीआरपी व रेल अधिकारियों का कमीशन बंधा होता है.