गया. वर्तमान समय में जिले में गर्म हवा के साथ 40 डिग्री से ऊपर के तापमान पहुंच गया है. इस मौसम में संभावित होने वाले पेयजल समस्या को दुरुस्त रखने को लेकर डीएम डॉ त्यागराजन एसएम एक माह पहले से पीएचइडी के अभियंताओं को गांवों में खराब चापाकलों की मरम्मत करने का निर्देश दिया था. इसके लिए डीएम ने मरम्मत दल को भी गांवों के लिए रवाना किया था. इसका असर काफी सफल व कारागार साबित हो रहा है. अब तक 2383 खराब या बंद पड़े चापाकलों को चालू करवाया गया है. राजइजिंग पाइप से लेकर अन्य सभी सामग्री पर्याप्त है. सभी प्रखंडों के ग्रामीण इलाके में लगाये गये सरकारी चापाकलों के रखरखाव के लिए 24 दल को रवाना किया गया है. पीएचइडी की ओर से बताया गया कि अगर कहीं (ग्रामीण क्षेत्रों में) चापाकल खराब या बंद है, उनकी जानकरी टॉल फ्री नंबर – 1800-123-1121 पर दी जा सकती है, ताकि गर्मी के दिनों में जितने भी चापाकल है, वे सुचारू रूप से काम करें. इसके अलावा नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है जहां आप सीधे कॉल करके खराब चापाकल की सूचना दे सकते हैं. गया डिवीजन क्षेत्र के लिए 0631 2220611 व शेरघाटी डिवीजन के लिए 9304824242 नंबर जारी किया गया है. किसी भी हाल में पानी की किल्लत कही नहीं हो डीएम ने कहा कि किसी भी टोला, प्रखंड, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता हर संभव कदम उठायेंगे. चापाकल का मरम्मत हो तथा जहां पर मरम्मत हो वहां के आम लोगों को जानकारी जरूर रहे. कहीं भी शिकायत न मिले. उन्होंने कहा कि कार्यपालक अभियंता सरकारी संस्थान/विद्यालय में जितने भी चापाकल हैं, वे चालू रहें, जो चापाकल ठीक नहीं हो सकता है, जिसका कोई उपचार नहीं है, उसे हटाकर उसके स्थान पर नया चापाकल लगाएं. इस काम को तुरंत कर लिया जाये. उन्होंने कहा कि पीएचइडी के सभी पदाधिकारी, अभियंता व कनीय अभियंता इस कार्य की देख-रेख व निगरानी करेंगे. उन्होंने बताया कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करवाया जा रहा है, हेल्प लाइन नंबर पर जैसे ही से ही कॉल आयेगी, तो कनीय अभियंता व अन्य अभियंता, पदाधिकारी एवं टेक्नीशियन और कर्मी इसी चलंत मरम्मत दल के साथ जायेंगे और वहीं पर उसका समाधान करेंगे, इससे आम लोगों को बहुत फायदा होगा. दिक्कत होने पर तुरंत दें सूचना डीएम ने जिले के सभी ग्रामीणों से अपील की है कि क्षेत्र में यदि सरकारी चापाकल खराब या बंद पड़ा है, तो लोग सीधे अपने क्षेत्र, प्रखंड के पीएचइडी के कनीय अभियंता या सहायक अभियंता को बता सकते है. इसके अलावा टॉल फ्री नंबर पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. जिले का औसतन अंडरग्राउंड वाटर लेयर 35 फुट है. गया सदर डिवीजन अंतर्गत पड़ने वाले 13 प्रखंडों में खराब चापाकलों को चालू मरम्मत करवाया गया है.
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पेयजल संकट से निबटने के लिए खराब पड़े 2383 चापाकल को कराया गया ठीक
इसका असर काफी सफल व कारागार साबित हो रहा है.
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