धर्मातरण का कारण है प्रलोभन : विहिप

पड़रिया पंचायत के अतिया गांव पहुंचे विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ता बोधगया : प्रखंड क्षेत्र की पड़रिया पंचायत अंतर्गत अतिया गांव में हिंदू से ईसाई बने करीब 40 परिवारों को वापस हिंदू बनाने के लिए हिंदू संगठनों ने उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया है. विहिप व बजरंग दल के लोग शुक्रवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2014 8:26 AM
पड़रिया पंचायत के अतिया गांव पहुंचे विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ता
बोधगया : प्रखंड क्षेत्र की पड़रिया पंचायत अंतर्गत अतिया गांव में हिंदू से ईसाई बने करीब 40 परिवारों को वापस हिंदू बनाने के लिए हिंदू संगठनों ने उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया है. विहिप व बजरंग दल के लोग शुक्रवार को अतिया पहुंच कर गांववालों से मुलाकात कर उनकी मनोदशा समझने की कोशिश की. उधर, स्थानीय बीडीओ अजय कुमार ने भी गांव पहुंच कर एक बार फिर से स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान पूरे मामले के केंद्र में रहा अतिया गांव में चलनेवाला प्रॉमिस मिशन स्कूल शुक्रवार को बंद रहा.
गांव पहुंचे विहिप कार्यकर्ताओं ने अतिया के लोगों से जानना चाहा कि किन वजहों से वे लोग ईसाई धर्म अपनाये. कार्यकर्ताओं ने उनसे वापसी करने को कहा और सरकारी सुविधाओं का हवाला दिया. बातचीत के दौरान महिलाओं ने बताया कि वे दबाव या प्रलोभन के कारण यीशु के शरण में नहीं गयीं, बल्कि यीशु की प्रार्थना व स्मरण से कुछ लोगों के जीवन मे आये बदलाव के कारण ईसाई धर्म अपनाया. यह प्रक्रिया काफी लंबे समय से चल रही थी. वर्षो से हम यीशु को माननेवालों के संपर्क में रहे हैं.
बच्चों को मुफ्त में शिक्षा का दे रहे लाभ
विहिप के जिला संरक्षक उदय कुमार वर्मा ने कहा कि अगर मिशनरी द्वारा बच्चों को मुफ्त में शिक्षा व अन्य तरह के लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है, तो यह प्रलोभन की श्रेणी में ही आयेगा. इसे उन्होंने धर्मातरण का मुख्य कारण बताया व इस पर सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की है.
बीडीओ ने भी किया गांव का दौरा
बीडीओ अजय कुमार ने भी शुक्रवार को अतिया का दौरा कर फिर से गांववालों से बातचीत की. वह उस स्कूल में भी गये, जिसके कार्यक्रम में गुरुवार को अतिया के लोग क्रिसमस के अवसर पर पहुंचे थे. बीडीओ ने लोगों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति की पड़ताल की. वह भी धर्मातरण के कारणों को समझना चाह रहे थे. वैसे गांववालों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वे बिना किसी दबाव व प्रलोभन के ईसाई धर्म का पालन कर रहे हैं. इससे वे लोग स्वस्थ व सुखी भी महसूस कर रहे हैं. उनके यहां शराब पीने का चलन कम हुआ और बच्चे स्कूल जाने लगे हैं.

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