देश के तीन प्रेरणाप्रद- गंगा, गीता व गाय

गुरारू. प्रखंड क्षेत्र की रौना पंचायत के मझियावां गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी ने कहा कि देश के तीन प्रेरणाप्रद गंगा, गीता व गौ (गाय) हैं. उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि गंगा देश के हिमालय की तराई से निकल कर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है. देश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2014 12:03 AM

गुरारू. प्रखंड क्षेत्र की रौना पंचायत के मझियावां गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी ने कहा कि देश के तीन प्रेरणाप्रद गंगा, गीता व गौ (गाय) हैं. उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि गंगा देश के हिमालय की तराई से निकल कर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है. देश के एक हिस्से से निकल कर धरती को पावन व पवित्र करते हुए दूसरे हिस्से में जाकर गिरती है. श्रीमद् भागवत गीता के संबंध में आचार्य ने कहा कि रामायण हमें जीना सिखाती है, तो गीता जीवन के चरम अर्थात परम की प्राप्ति के बारे में बताती है. गीता हमें जीवन का सार समझाती है. गाय हमारी माता के समान है. मां जिस तरह बच्चों का पालन-पोषण करती है, उसी तरह गाय का दूध, गोबर व मूत्र उपयोगी है. हमें इन तीनों का सम्मान करना चाहिए.

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