गया: गया-डोभी रोड में हरियो के पास स्थित अभय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) अस्पताल में भरती 50 वर्षीय सुचित सिंह की मौत के बाद मंगलवार की सुबह परिजनों ने जम कर हंगामा किया.
जांडिस से पीड़ित बेलागंज थाना क्षेत्र की खनेटा पंचायत के रैली गांव के रहनेवाले सुचित सिंह की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने इलाज में डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध अपनी भड़ास निकाली. मृतक के भाई राम विनय सिंह ने बताया कि जांडिस से पीड़ित होने के कारण शनिवार की दोपहर उन्हें एम्स में भरती कराया गया था.
यहां डॉक्टरों की काफी कमी है. सिर्फ कंपाउंडर के भरोसे अस्पताल चल रहा है. उन्होंने बताया कि सोमवार की रात उनके भाई की तबीयत बिगड़ने पर उन्होंने खुद अपनी गाड़ी से गया शहर के अस्पताल के एक डॉक्टर को बुला कर लाया. उन्हें आशंका है कि उनके भाई की मौत मंगलवार की अहले सुबह की हो गयी थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके परिजनों को घंटों गुमराह किया गया. कई घंटे बाद उन्हें बताया गया कि उनके भाई की मौत हो चुकी है. इसके बाद हुए हो-हंगामा के बावजूद अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोग सामने नहीं आये, तो मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे वह अपने भाई का शव लेकर लौट गये.
सीएम से करेंगे शिकायत: उन्होंने बताया कि इस घटना की शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे. पटना में मुलाकात कर मुख्यमंत्री को बतायेंगे कि सिर्फ बिल्डिंग दिखा कर कैसे एम्स अस्पताल में गरीबों से इलाज के नाम पर रुपये ठगे जा रहे हैं और मरीज मर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम व पुलिस के चक्कर में नहीं पड़ने के कारण थाने में केस नहीं किया. लेकिन, इसकी शिकायत वह सीएम से जरूर करेंगे.
क्या कहते हैं अस्पताल के अधिकारी
मरीज अस्पताल में भरती करने लायक नहीं थे. अस्पताल लाये जाने से पहले ही उनकी स्थिति गंभीर थी. परिजनों के आग्रह पर मरीज को भरती कराया गया. सोमवार की देर रात एक बजे तक डॉ मृत्युंजय कुमार खुद मरीज का इलाज कर रहे थे. इसका रेकॉर्ड सीसीटीवी कैमरे में मौजूद है.
राधेकांत शर्मा, केयर टेकर, अभय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस
क्या कहते हैं इंस्पेक्टर
मगध मेडिकल थाने के इंस्पेक्टर बृजबिहारी पांडेय ने बताया कि एम्स में किसी मरीज के मरने की सूचना मिली. पुलिस पदाधिकारी को भेजा गया. लेकिन, तब तक मरीज के परिजन शव लेकर जा चुके थे. इंस्पेक्टर ने बताया कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत की. प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि मरीज की हालत काफी खराब थी. उसे अस्पताल में भरती नहीं किया जा रहा था. परिजनों की आरजू विनती के बाद ही मरीज को भरती किया गया था. मरीज के साथ हादसा होने जाने के बाद अस्पताल की फीस को कम कराने को लेकर लोगों ने हंगामा किया. फीस कम होने के बाद शव के साथ उनके परिजन वहां से लौट गये. इंस्पेक्टर ने बताया कि इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है.