रमजान सब्र व हमदर्दी का महीना : मो फारूक

गया: रमजान सब्र व हमदर्दी का महीना है. तमाम मुसलमानों को चाहिए कि रोजा रखने के साथ-साथ समाज के तमाम व्यक्तियों से भाईचारा व हमदर्दी बनाये रखें. गरीब, यतीम व बेवा के दुख दर्द में काम आयें. रोजा का मकसद है अपने अंदर अल्लाह का खौफ डर पैदा करें, ताकि कोई गलत काम नहीं हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2013 8:50 AM

गया: रमजान सब्र व हमदर्दी का महीना है. तमाम मुसलमानों को चाहिए कि रोजा रखने के साथ-साथ समाज के तमाम व्यक्तियों से भाईचारा व हमदर्दी बनाये रखें. गरीब, यतीम व बेवा के दुख दर्द में काम आयें.

रोजा का मकसद है अपने अंदर अल्लाह का खौफ डर पैदा करें, ताकि कोई गलत काम नहीं हो सके. उक्त बातें इमाम इदैन गांधी मैदान के मौलाना मो फारूक ने कहीं. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुसलमान पूरे महीने रोजा रखतें है और झूठ नहीं बोलते, गलत काम नहीं करते, इसी तरह पूरी जिंदगी पवित्रता से बनाये रखें.

इस महीने अल्लाह की रहमत से मरहूम रह गया वह बड़ा मरहूम होता है. इसलिए इस महीने से ज्यादा से ज्यादा इबादत, हमदर्दी, खैरख्वाही व भलाई करते हैं. यही वजह है कि मुसलमान औरत, मर्द, छोटे व बड़े सभी कोशिश करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा इबादत व इनसान से अच्छा बरताव करें.

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