प्रभावती अस्पताल के अधीक्षक से जवाब तलब!

गया: लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण प्रभावती अस्पताल इन दिनों कुप्रबंधन का शिकार है. ‘प्रभात खबर’ ने 31 दिसंबर 2014 के अंक में ‘ऑपरेशन बाद में, पहले लाओ दवा’ शीर्षक से अस्पताल की मौजूदा स्थिति को प्रमुखता से छापा था, जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने अस्पताल अधीक्षक डॉ यूएन पंजियार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2015 8:35 AM
गया: लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण प्रभावती अस्पताल इन दिनों कुप्रबंधन का शिकार है. ‘प्रभात खबर’ ने 31 दिसंबर 2014 के अंक में ‘ऑपरेशन बाद में, पहले लाओ दवा’ शीर्षक से अस्पताल की मौजूदा स्थिति को प्रमुखता से छापा था, जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने अस्पताल अधीक्षक डॉ यूएन पंजियार को जवाब-तलब किया है. हालांकि, अस्पताल अधीक्षक ने इससे स्पष्ट इनकार किया है.
इधर, मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय उपनिदेशक, स्वास्थ्य (आडीडीएच) डॉ राजेंद्र प्रसाद भी मामले को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को प्रभावती अस्पताल का जायजा लेने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि प्रभावती अस्पताल में साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा भगवान भरोसे है. कुप्रबंधन का आलम यह है कि अस्पताल में सिजेरियन से पहले व बाद की दवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. फलत: मरीज के परिजन बाहर से दवाएं मंगाने को विवश हैं. करीब एक माह से अल्ट्रासोनोग्राफी बंद होने के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है.

इसके लिए कीमत चुकाने के साथ-साथ मरीजों को बाजार में भटकना पड़ रहा है. अस्पताल के कर्मचारी अलग-अलग अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटरों की दलाली कर लाभ कमा रहे हैं. अस्पताल परिसर में बने क्वार्टरों पर अवैध कब्जा है. कर्मचारियों की बातों पर विश्वास करें, तो एक लिपिक द्वारा कब्जाधारियों से किराया भी वसूला जाता है. लेकिन, किराये के रुपये कहां जाते हैं, किसी को मालूम नहीं है. अधीक्षक 24 घंटे में एक बार भी अस्पताल का राउंड लगाना मुनासिब नहीं समझते हैं. इससे अधिक संवेदनहीनता और क्या हो सकती है?

अधीक्षक ने कहा
19 जनवरी को आरडीडीएच के अस्पताल आने की सूचना मिली है. डीएम द्वारा मुङो जवाब-तलब नहीं किया गया है. अस्पताल परिसर में बने क्वार्टरों की जानकारी नहीं है. जेनेरिक दवा दुकान पर मेरा नियंत्रण नहीं है.
डॉ ओमप्रकाश पंजियार, अस्पताल अधीक्षक

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