एक पर मेहरबान, दूसरे पर क्यों नहीं

गया: जहां बड़े साहब (डीएम) बैठेंगे, वहां चाक-चौबंद व्यवस्था तो होनी है. पर, शहर के अन्य इलाकों का हाल जैसा भी हो, उसे देखने वाला ..? कुछ ऐसा ही हाल है शहर में महापुरुषों के नाम पर बनाये गये पार्को का. इन पार्को की स्थिति देखरेख के अभाव में दयनीय हो गयी है. पर, जिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2013 9:04 AM

गया: जहां बड़े साहब (डीएम) बैठेंगे, वहां चाक-चौबंद व्यवस्था तो होनी है. पर, शहर के अन्य इलाकों का हाल जैसा भी हो, उसे देखने वाला ..? कुछ ऐसा ही हाल है शहर में महापुरुषों के नाम पर बनाये गये पार्को का. इन पार्को की स्थिति देखरेख के अभाव में दयनीय हो गयी है. पर, जिला समाहरणालय स्थित पार्क चकाचक है. यह शहर का सबसे खूबसूरत पार्क है.

हालांकि, यह पार्क आम लोगों के लिए नहीं है. फिर भी इस पार्क को आकर्षक बनाये रखने की कवायद होती रहती है. कई लोग गार्डन की देखभाल में लगे रहते हैं. इसी पार्क में सरदार वल्लभ भाई पटेल व महात्मा गांधी की प्रतिमाएं स्थापित हैं. दूसरी ओर, शहर में महापुरुषों के नाम पर बने पार्को की बदहाली पर किसी का भी ध्यान नहीं है.

आंबेडकर पार्क बना धरना स्थल
शहर के आंबेडकर पार्क का हाल भी खराब है. यह पार्क अब पूरी तरह राजनीतिक गैर राजनीतिक पार्टियों का धरना स्थल बना गया है. इसी पार्क के बाहर ठेले वाले कचरा फेंकते हैं. साफसफाई होने से पार्क में झुरमुट उग आये हैं. यहां लगी आंबेडकर की प्रतिमा की भी सफाई नहीं हो पाती. दोपहर में सड़क पर तेज धूप होने की वजह से यह पार्क जानवरों का विश्रम स्थल बन जाता है. आंबेडकर जयंती या पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण की औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं.

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