चोरी के मामले में एएसआइ निलंबित

गया: कोतवाली थाना क्षेत्र के पंजाबी कॉलोनी के पास कृष्णा ज्वेलर्स में हुई चोरी मामले में सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) किशोर कुमार झा को प्रभारी एसएसपी सह सिटी एसपी राकेश कुमार ने निलंबित कर दिया. एएसआइ पर चोरी की रात पैट्रोलिंग में लापरवाही बरतने का आरोप है. सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2015 9:42 AM
गया: कोतवाली थाना क्षेत्र के पंजाबी कॉलोनी के पास कृष्णा ज्वेलर्स में हुई चोरी मामले में सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) किशोर कुमार झा को प्रभारी एसएसपी सह सिटी एसपी राकेश कुमार ने निलंबित कर दिया. एएसआइ पर चोरी की रात पैट्रोलिंग में लापरवाही बरतने का आरोप है. सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि विगत 26 जनवरी की रात चोरों ने जीबी रोड स्थित कृष्णा ज्वेलर्स का ताला तोड़ कर चोरों ने करीब 400 किलो की तिजोरी चुरा ली थी. दुकानदार के अनुसार तिजोरी में करीब नौ लाख रुपये के सोने-चांदी के जेवरात थे.

उन्होंने बताया कि तिजोरी को ले जाने के लिए चोरों ने किसी वाहन का प्रयोग किया होगा. चोरों को तिजोरी चुराने में करीब डेढ़ घंटे लगे होंगे. मुख्य सड़क पर पर हुई इस घटना से पुलिस की पैट्रोलिंग पार्टी अनभिज्ञ रही. इससे स्पष्ट है कि पैट्रोलिंग में शामिल पुलिस पदाधिकारी द्वारा लापरवाही बरती गयी. सिटी डीएसपी ने बताया कि उन्होंने ने ही एएसआइ के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा की थी.

इसमें दो राय नहीं कि जिले के सभी थानों में पुलिस पदाधिकारियों व जवानों की काफी कमी है. गया शहर स्थित कोतवाली, सिविल लाइंस, रामपुर व डेल्हा थाने में लंबे समय से पुलिस पदाधिकारियों की संख्या नहीं बढ़ायी गयी है. एक थाने के अधीन दर्जनों मुहल्ले हैं. रात में सिर्फ एक या दो जीप से शहरी इलाके में पैट्रोलिंग करना संभव नहीं है. जब तक थानों में पुलिस पदाधिकारियों बढ़ोतरी नहीं होगी व रात में पुलिस की गश्ती तेज नहीं होगी, तब तक शहर में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाना संभव नहीं है. विगत 26 जनवरी की रात जेवर दुकान में हुई चोरी के मामले में निलंबित हुए एएसआइ के बाद कोतवाली थाने में एक और पुलिस पदाधिकारी की कमी हो गयी. अगर सिर्फ निलंबित करने से चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगना होता, तो विगत 28 जनवरी की देर रात सिविल लाइंस थाने के दंडीबाग मुहल्ले में भी तीन दुकानों में चोरी की गयी. इस मामले में किसी पुलिस पदाधिकारी को क्यों नहीं निलंबित किया गया?

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