Gaya News: परैया SHO समेत 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड, इस वजह से SSP ने की सख्त कार्रवाई
Gaya News: गया में सड़क दुर्घटना में मृत युवक के शव की पहचान किए बिना ही अंतिम संस्कार कर दिए जाने के मामले में कार्रवाई करते हुए तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
Gaya News: 27 सितंबर को गया-परैया मुख्य सड़क पर कोशडिहरा गांव में नरयरी टांड के पास सड़क हादसे में स्कूटी सवार की मौत होने के बाद शव की पहचान करने में बरती गयी लापरवाही के आरोप में एसएसपी आशीष भारती की अनुशंसा पर पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) क्षत्रनील सिंह ने परैया थानाध्यक्ष मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया है. साथ ही एसएसपी ने परैया थाने में पोस्टेड सहायक अवर निरीक्षक-एएसआइ कृष्ण कुमार गुप्ता व स्थानीय चौकीदार श्याम सुंदर पासवान को निलंबित कर दिया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. परैया थानाध्यक्ष मुकेश कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू करने को लेकर एसएसपी ने आइजी को अनुशंसा भेजी है. परैया थानाध्यक्ष मुकेश कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है.
अनुसंधान के बनी लिए बनी एसआइटी : एसएसपी
एसएसपी ने बताया कि यह बेहद ही गंभीर मामला है. इस घटना की जांच की जिम्मेदारी टिकारी डीएसपी सुजीत कुमार पांडेय को सौंपी गयी थी. डीएसपी की जांच रिपोर्ट में परैया थानाध्यक्ष मुकेश कुमार, एएसआइ कृष्ण कुमार गुप्ता व चौकीदार श्यामसुंदर पासवान की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए घोर लापरवाही बरतने की पुष्टि की थी. डीएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर परैया थानाध्यक्ष समेत तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इस दुर्घटना को लेकर परैया थाने में दर्ज प्राथमिकी कांड संख्या 345/24 में त्वरित व प्रभारी अनुसंधान को लेकर टिकारी डीएसपी के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम एसआइटी का गठन किया गया है. वहीं दुर्घटना के मामले में विधि सम्मत मुआवजा प्रस्ताव भी जिला मुख्यालय को भेजा जा रहा है.
सोमवार की दोपहर डीएम से मिले पीड़ित परिजन
मोहम्मद शहाब की मौत के मामले में परैया थाने की पुलिस द्वारा बरती गई लापरवाही को लेकर पीड़ित के पिता मोहम्मद गुलाम हैदर अपने रिश्तेदार जयाउल होदा, तारिक अनवर और मोहम्मद हसन के साथ समाहरणालय पहुंचे और डीएम डॉ त्यागराजन से मुलाकात की. डीएम ने पीड़ित परिवार की बातों को काफी गंभीरता से सुना. परिजनों ने डीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि जब उनके बेटे का शव मिला था, तब स्थानीय चौकीदार श्यामसुंदर पासवान की जगह उनके दामाद मनोज पासवान ने शव का दाह संस्कार कर दिया था. मनोज पासवान ने ही मगध मेडिकल कॉलेज से उनके बेटे का शव रिसीव किया था. अब मनोज पासवान ही सही तौर पर बता सकते हैं कि उनके बेटे का शव कहां और कैसे दाह संस्कार किया गया. डीएम से इस मामले की जांच राज्यस्तरीय टीम से कराने का अनुरोध किया गया. डीएम ने कहा कि वे पीड़ित परिवार की मांगों पर गंभीरता से चर्चा करेंगे और ठोस कार्रवाई करेंगे.
क्या है मामला
बता दें कि गया शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के करीमगंज के रहनेवाले गुलाम हैदर के बेटे मोहम्मद शहाब की मौत सड़क हादसे में 27 सितंबर को गया-परैया मुख्य सड़क पर कोशडिहरा गांव में नरयरी टांड के पास हो गयी थी. उस समय घटनास्थल से परैया थाने की पुलिस को युवक का मोबाइल व स्कूटी भी मिली थी. इसके बावजूद परैया थाने की पुलिस ने शव की पहचान करने की दिशा में कोई विशेष कदम नहीं उठाया, जबकि मोबाइल या स्कूटी के इंजन व चेसिस नंबर के आधार पर मालिक की पहचान हो सकती थी. इसके बावजूद परैया थाने की पुलिस ने लापरवाही बरती और शव मिलने के 72 घंटे के बाद स्थानीय चौकीदार के माध्यम से शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
बाद में परिजनों ने अपने बेटे की खोजबीन शुरू की, तो परैया थाने में स्कूटी देख अचंभित हो गये और फिर परैया थाने की पुलिस से पूछताछ शुरू की, तो परिजनों को पता चला कि उनके बेटे के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. इससे परिजन क्षुब्ध हो गये और परैया थाने की पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए रविवार को शहर में कैंडल मार्च निकालने की योजना बनायी. इसकी भनक डीएम डॉ त्यागराजन व एसएसपी आशीष भारती को लगी, तो उन्होंने पीड़ित परिजनों के घर पर जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर सदर एसडीओ किसलय श्रीवास्तव, सिटी एएसपी पारसनाथ साहू व टिकारी डीएसपी सुजीत कुमार पांडेय समेत अन्य अधिकारियों को भेजा.
पीड़ित परिजनों को अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि इस मामले को डीएम व एसएसपी ने गंभीरता से लिया है और परैया थाने के दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा रही है. इसी आश्वासन के आलोक में पीड़ित परिजनों ने शहर में कैंडल मार्च निकालने के बजाय सिर्फ पुरानी करीमगंज से न्यू करीमगंज मुहल्ले तक कैंडल मार्च निकाला और सोमवार को एसएसपी ने परैया थानाध्यक्ष समेत तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.