हालांकि, इस दौरान कुलसचिव डॉ डीके यादव कार्यालय में मौजूद नहीं थे. इसके बाद टीम ने स्थापना शाखा व लीगल शाखा सहित एमयू की उप कुलसचिव मैरियम सैम्युल के कक्ष में करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की. अंत में डीएसपी ने बताया कि प्राचार्यो की नियुक्ति के मामले में दर्ज एफआइआर के आलोक में बहाली से संबंधित मूल कागजात व प्राचार्यो द्वारा जमा कराये गये कागजात एमयू द्वारा प्राप्त किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बहाली में गड़बड़ी करने के आरोप में पूर्व कुलपति, कुलसचिव सहित अन्य लोगों पर एफआइआर दर्ज है.
जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू की जायेगी. उन्होंने बताया कि इस मामले में किसी ने भी अब तक जमानत नहीं ली है. डीएसपी ने कहा कि जांच से संबंधित ज्यादा जानकारी फिलहाल नहीं दी सकती है. इस मामले में शामिल अन्य लोगों पर भी एफआइआर की जा सकती है. गौरतलब है कि निगरानी द्वारा गड़बड़ी के आरोप में एफआइआर किये जाने से पहले भी एमयू के कुलसचिव कार्यालय से प्राचार्यो की बहाली से जुड़े कागजात की फोटो कॉपी हासिल की गयी थी. अब मूल प्रति जमा किये जा रहे हैं.