लाखों खर्च, पर नतीजा सिफर

* शहर के नाले–नालियों की ऐसी सफाई का क्या फायदा ? गया : हर साल शहर के नाले व नालियों की सफाई पर लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं. सैकड़ों मजदूर काम करते हैं. मशीनों का भी इस्तेमाल होता है. बावजूद इसके फायदा कुछ भी नहीं दिखता. सफाई होने के महज एक माह में स्थिति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2013 4:08 AM

* शहर के नालेनालियों की ऐसी सफाई का क्या फायदा ?

गया : हर साल शहर के नाले नालियों की सफाई पर लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं. सैकड़ों मजदूर काम करते हैं. मशीनों का भी इस्तेमाल होता है. बावजूद इसके फायदा कुछ भी नहीं दिखता. सफाई होने के महज एक माह में स्थिति फिर से वैसी ही हो जाती है.

हाल ही में शहर में नालेनालियों की सफाई हुई. जानकारी के मुताबिक, इसमें पचास लाख रुपये खर्च हुए, पर अभी जो स्थिति है, उसे देख कर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता. शहर के नालों में फिर से कचरे से भर गये हैं. कई जगहों पर पानी सड़क पर बह रहा है. सवाल यह है कि लाखों बहा कर भी जब कोई फायदा नहीं, तो फिर सफाई का क्या मतलब है.

दरअसल मामला व्यवस्था का है. नालों पर कवर नहीं होने के कारण ही यह स्थिति बनी है, उसमें कचरा फेंकने का सिलसिला लगातार जारी रहता है.

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