कागजात के नाम पर सिर्फ ‘छलावा’
गया: अधूरे कागजात व ‘स्कूल बस सेफ्टी रुल्स’ को ठेंगा दिखाते हुए गया शहर की सड़कों पर स्कूली बसें दौड़ रही हैं. इसका खुलासा क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (आरटीए) के कार्यालय में बुधवार को पहुंचे बस मालिकों के कागजात की जांच के दौरान हुआ. आधे से अधिक स्कूल बसों के कागजात अधूरे पाये गये. विशेष कर, […]
गया: अधूरे कागजात व ‘स्कूल बस सेफ्टी रुल्स’ को ठेंगा दिखाते हुए गया शहर की सड़कों पर स्कूली बसें दौड़ रही हैं. इसका खुलासा क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (आरटीए) के कार्यालय में बुधवार को पहुंचे बस मालिकों के कागजात की जांच के दौरान हुआ.
आधे से अधिक स्कूल बसों के कागजात अधूरे पाये गये. विशेष कर, स्कूली बस मालिकों के पास रोड परमिट से संबंधित कागजात नहीं थे. बसों में छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से ‘स्कूल बस सेफ्टी रुल्स’ के नियमों की अनदेखी भी सामने आयी. संयुक्त आयुक्त सह सचिव किशोरी पासवान व मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) गौतम कुमार ने कागजात की जांच की.
यह कार्रवाई प्रमंडलीय आयुक्त आरके खंडेलवाल की मॉनीटरिंग में हो रही है. इससे अभिभावकों व अन्य लोगों को उम्मीद बंधी है कि इस बार बेलगाम बसों पर नकेल कसेगी. हालांकि सूत्रों की मानें, तो कुछ बस मालिक सेटिंग-गेटिंग की भी जुगत में हैं. आशंका है-कहीं यह अभियान दिखावा न साबित हो जाये.
डीएवी के पास मात्र चार बसें
नियमों की अनदेखी कर बसों का परिचालन करने के मामले पर संयुक्त आयुक्त व एमवीआइ ने बस मालिकों को जम कर क्लास लिया. इस दौरान डीएवी पब्लिक स्कूल, कैंट एरिया के ट्रांसपोर्ट इंचार्ज सुनील कुमार व रजनीश कुमार सिन्हा ने अपने स्कूल की चार बसों के परिचालन से संबंधित कागजात की जांच करायी. इनके सभी कागजात सही पाये गये. इनके पास रोड परमिट भी मिले.
ट्रांसपोर्ट इंचार्ज ने बताया कि उनके स्कूल के पास 46 बसें हैं. इनमें चार स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की हैं. 36 बसों को आउटसोर्सिग से लिया गया है. फिलहाल, एक अप्रैल से छह नयी बसों का परिचालन शुरू किया गया है, जिनका रोड परमिट नहीं मिला है. इस पर संयुक्त आयुक्त ने डीएवी स्कूल को बिना परमिट के स्कूली बसों को नहीं चलाने का निर्देश दिया.