डुमरिया : सैप के जवानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां वाच टावर, मोरचा, रोशनी सहित अन्य गंभीर समस्याएं हैं. ये बातें गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र में स्थित मैगरा कैंप में सैप जवानों के पूर्व सैनिक को-ऑर्डिनेटर सर्विस के सदस्य गणोश सिंह ने प्रेस वार्ता में कहीं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो वादा किया था, वह उस पर अमल नहीं कर रही है.
साल में दो हजार रुपये बढ़ाये जाने के बाद एक जवान को मासिक 12 हजार रुपये ही मिल रहे हैं, जो एक चौकीदार के वेतन से भी कम है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार 15 अगस्त तक लंबित मांगों को पूरी नहीं करती है, तो सैफ के जवान अपने-अपने हथियार जमा कर सामूहिक अवकाश पर चले जायेंगे. साथ ही उन्होंने औरंगाबाद, गया, मुंगेर, सहरसा व चंपारण के सैफ के जवानों का निलंबन वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि साल में महज 20 दिनों की छुट्टी दिया जाना मानसिक प्रताड़ना से कम नहीं है.
उन्होंने आइजी (ऑपरेशन) अमित कुमार द्वारा डीए की सुविधा देने से संबंधित आदेश को मजाक बताया है. टीए देने की बात भी कही गयी थी, पर इसमें काफी अनियमितता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सेवा के समय सिर्फ नक्सल गतिविधियों के खिलाफ काम करने की बात कही गयी थी. पर, अब आम समस्याओं में भी ड्यूटी पर लगायी जाती है. इतना ही नहीं, जवानों को समुचित संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं.