अब गया में भी आलिम व फाजिल की तालिम!
गया: उर्दू की पढ़ाई कर रहे गया जिले के छात्र-छात्रओं को अब आलिम (स्नातक) व फाजिल (स्नातकोत्तर) की शिक्षा के लिए अन्य शहरों की खाक नहीं छाननी पड़ेगी. संभव है कि जल्द ही गया शहर के घुघरीटांड़ स्थित मदरसा दारुल फुनुन को आलिम व फाजिल की पढ़ाई कराने की मान्यता मिल जाये. अब तक इस […]
गया: उर्दू की पढ़ाई कर रहे गया जिले के छात्र-छात्रओं को अब आलिम (स्नातक) व फाजिल (स्नातकोत्तर) की शिक्षा के लिए अन्य शहरों की खाक नहीं छाननी पड़ेगी. संभव है कि जल्द ही गया शहर के घुघरीटांड़ स्थित मदरसा दारुल फुनुन को आलिम व फाजिल की पढ़ाई कराने की मान्यता मिल जाये. अब तक इस मदरसे में फोकानिया (मैट्रिक) व मौलवी (इंटर) स्तर तक की शिक्षा दी जाती रही है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) प्रतिभा कुमारी ने बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के सचिव को अनुशंसा पत्र भेज कर गया शहर स्थित घुघरीटांड़ स्थित मदरसा दारुल फुनुन को औपबंधिक रूप से आलिम व फाजिल की शैक्षणिक व्यवस्था करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. पत्र की प्रतिलिपि राज्य सरकार के उच्चतर शिक्षा के निदेशक व मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को भी भेजी गयी है. साथ ही, सत्र-2015 के लिए आलिम व फाजिल की शैक्षणिक व्यवस्था, पंजीकरण व फॉर्म भरने की तैयारी भी हो रही है. उधर, इस खबर से गया के उर्दू छात्र-छात्रओं में प्रसन्नता है. इसके लिए मदरसा दारुल फुनुन के सचिव डॉ जमीलर रहमान व अन्य कर्मचारियों ने डीइओ के प्रति आभार प्रकट किया है.
गौरतलब है कि राज्य के सभी मदरसे बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अधीन हैं. लेकिन, आलिम व फाजिल की परीक्षा लेने व रिजल्ट प्रकाशन की जिम्मेवारी मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय की है. माना जा रहा है कि डीइओ की इस पहल से शीघ्र ही मदरसा दारुल फुनुन को आलिम व फाजिल की पढ़ाई कराने की अनुमति मिल सकती है.