‘देश को हिंदू राष्ट्र बनाना संभव नहीं’

गया: भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों पूंजीपतियों के हिमायती हैं. बारी-बारी से सत्ता में बने रहना उनकी नियति है. कांग्रेस से ऊब चुकी जनता विवश होकर भाजपा का दामन थाम लिया. लेकिन, हिंदू राष्ट्र,अच्छे दिन व विदेशों से कालाधन लाने का सपना दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2015 7:34 AM
गया: भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों पूंजीपतियों के हिमायती हैं. बारी-बारी से सत्ता में बने रहना उनकी नियति है. कांग्रेस से ऊब चुकी जनता विवश होकर भाजपा का दामन थाम लिया. लेकिन, हिंदू राष्ट्र,अच्छे दिन व विदेशों से कालाधन लाने का सपना दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता मात्र आठ माह में ही सिरे से खारिज कर दिया है. उनका गरीब, पिछड़ा, मजदूर, किसान व छोटे व्यवसायी विरोधी चेहरा सामने आ गया है.

जो काम संभव है, वह नहीं करके हिंदू राष्ट्र का नारा, घर वापसी(धर्म परिवर्तन) व लव जेहाद मुद्दे में देश की जनता को उलझाये रखने की कोशिश की जा रही है. ताकि पूंजीपतियों के लिए बनायी गयी आर्थिक नीतियों का विरोध नहीं हो. ये बातें पूर्व विधान पार्षद व भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (भाकपा) के केंद्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य बदरी नारायण लाल ने कहीं. वह शनिवार को टिल्हा धर्मशाला में भाकपा के 22वें जिला सम्मेलन के प्रतिनिधि सत्र के दौरान सभा को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू राष्ट्र की कल्पना तक नहीं की जा सकती. उपस्थित प्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री के विरुद्ध जोरदार संघर्ष करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि जो गरीबों के हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा. उन्होंने कहा कि बगैर नेतृत्व के आंदोलन संभव नहीं है और संगठन बगैर नेता बनना संभव नहीं है.

भाकपा अन्य राजनीतिक दलों की तरह नहीं है. हर साल सदस्यों का नवीनीकरण होता है ओर सदस्यों के लिए पार्टी की पत्रिका व अखबार नियमित रूप से पढ़ना जरूरी होता है. सम्मेलन की अध्यक्षता मणि कुमार, मसउद मंजर व आशा प्रकाश की संयुक्त अध्यक्ष मंडली ने की. उद्घाटन के बाद राजनीतिक प्रतिवेदन, प्रस्ताव का प्रारूप सांगठनिक प्रतिवेदन व प्रस्ताव का प्रारूप सीताराम शर्मा व जिला मंत्री अखिलेश कुमार ने पेश किया. इस मौके पर राज्य सचिव मंडल के सदस्य जानकी पासवान, एआइएसएफ के राज्य अध्यक्ष परवेज आलम, एआइवाइएफ के राज्य उपाध्यक्ष परवेज असद, स्वागत मंत्री अमृत प्रसाद व चंद्रदीप सिन्हा आदि उपस्थित थे.

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