बोधगया: पर्यटन सीजन की शुरुआत होते ही बोधगया के विभिन्न क्षेत्रों में गंदगी भी दिखने लगी है. महाबोधि मंदिर के आसपास सीमित सफाई व्यवस्था के कारण अन्य देशों के बौद्ध मठों के पास कूड़ा-कचरा फैला हुआ है. मुहल्लों की स्थिति तो और भी नारकीय हो गयी है. कालचक्र मैदान से दक्षिण स्थित बस पड़ाव पर तो गंदगी का अंबार लगा है. बोधगया भ्रमण पर आने वाले तीर्थयात्रियों के ज्यादातर वाहन इसी पड़ाव पर रुकते हैं. यहां रात-दिन सूअरों का जमावड़ा लगा रहता है. इन दिनों देवघर जाने वाले कांवरियों के जत्थे भी बोधगया के विभिन्न मंदिरों के दर्शन करते हैं.
श्रीलंकन यात्रियों का भी आगमन शुरू हो चुका है. गोदाम रोड से गुजरने के बाद यहां गंदगी का नजारा दिखायी देता है, तो जापान मंदिर से सटे मस्तीपुर व थाइलैंड मंदिर के सामने मियां बिगहा क्षेत्र में चहुंओर गंदगी का आलम है.
लोगों से सहयोग की अपील
बोधगया में साफ-सफाई की जिम्मेवारी संभाल रही इक्को स्मार्ट कंपनी के प्रबंधक खुर्रम का कहना है कि यहां के सभी वार्डो में सफाई के लिए दो पालियों में 85 मजदूरों को लगाया गया है. पहली पाली सुबह छह से दोपहर दो बजे तक और दूसरी पाली में दो बजे से रात नौ बजे तक मजदूर लगे रहते हैं. इसके अलावा 14 मजदूर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में लगाये गये हैं. मुहल्ले के लोग घरों के कचरे को डस्टबीन में न डाल कर सड़कों पर फेंक देते हैं. साथ ही डोर टू डोर कलेक्शन वाले मजदूरों को कचरा नहीं देते और सड़कों पर फेंक देते हैं.
सफाई मजदूरों के जाने के बाद सड़कों पर फेंके गये कचरे को दूसरे दिन ही उठाया जा सकता है. गोदाम रोड के बारे में बताया कि सड़क किनारे सब्जी दुकान लगाने वाले दुकानदार सड़ी-गली सब्जियों को सड़क पर फेंक देते हैं. इससे गंदगी और बढ़ जाती है. हालांकि, उन्होंने सफाई में लगे मजदूरों पर निगरानी बढ़ाने की भी जरूरत महसूस की है. साथ ही बोधगया को स्वच्छ रखने के लिए स्थानीय लोगों से भी पहल करने की अपील की है.