अधिकारियों व कर्मचारियों पर प्रबंधन के दबाव का विरोध
गया: गया क्लब में मध्य बिहार ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस व कर्मचारी संघ का रविवार को द्विवार्षिक सम्मेलन हुआ. इसमें ऑफिसर्स कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों पर प्रबंधन के दबाव पर विरोध जताया. फेडरेशन से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि निजीकरण करने की दिशा में कुत्सित प्रयास जारी […]
गया: गया क्लब में मध्य बिहार ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस व कर्मचारी संघ का रविवार को द्विवार्षिक सम्मेलन हुआ. इसमें ऑफिसर्स कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों पर प्रबंधन के दबाव पर विरोध जताया.
फेडरेशन से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि निजीकरण करने की दिशा में कुत्सित प्रयास जारी है. ट्रेड यूनियन नहीं होता, तो अब तक निजीकरण हो गया होता. एसडी सिंह, हरिशंकर प्रसाद व अन्य ने कहा कि बैंक के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो गया है. उसके साथ हमारा भी भविष्य जुड़ा है. इस चुनौती से निबटने के लिए संघर्ष तेज करना होगा. इसके लिए ज्वाइंट फोरम बना कर संघर्ष को तेज करने की आवश्यकता है. अलग-अलग फेडरेशन व यूनियन बना कर नहीं. प्रबंधन हमें कमजोर करने के लिए तोड़ने का हर संभव प्रयास भी करता रहा है और करेगा. लेकिन, उसके बहकावे से बचने की जरूरत है.
पास किये गये 12 प्रस्ताव
सेवानिवृत्ति के छह महीना पहले सारी प्रक्रिया समाप्त करने, पांच साल से पहले का नो-डय़ूज प्राप्त करने, मेडिकल व सीएल के पहले से सूचना अनुमति नहीं देने की आवश्यकता, शाखा प्रबंधकों की बैठकों में डराने-धमकाने की क्रिया बंद करने, शाखा के स्टेटस के मुताबिक मैन पॉवर पोस्टिंग, अन्य यूनियन की तरह इस संगठन के पदाधिकारियों व सदस्यों को गृह जिला देने, आरबीआइ के निर्देशानुसार कार्य प्रणाली करने, एटीएम को ग्राहक के रिक्यूजिशन के बाद ही इश्यू करने व प्रबंधन द्वारा दबाव न बनाने, हॉस्पिटैलाइजेशन के भुगतान में शीघ्रता बरतने, ट्रांसफर होने के बाद चार्ज देने का तरीका पुराने तरीके से हो, शाखा चंदा प्रबंधक के स्थानांतरण आदेश को कार्यान्वित करने व प्रोबेशनरी अफसर को शाखा प्रबंधक के रूप में प्रोबेशन पीरियड में पदस्थापित न करने का प्रस्ताव पारित किया गया.
इस सम्मेलन में अरेबिया के अरविंद कुमार सिन्हा, सुनील कुमार सिन्हा, हरिशंकर प्रसाद, ऑफिसर्स कांग्रेस के चेयर पर्सन कृष्णा सिंह, वी पाठक, सैयद शाद आलम, शिवाकांत सिंह, अनूप कुमार गांगुली व नवल किशोर गुप्ता आदि ने अपनी-अपनी बातें रखीं.