छकरबंधा को मिला थाने का दर्जा

गया: भाकपा-माओवादी संगठन के गढ़ के रूप में चर्चित छकरबंधा स्थित पुलिस कैंप को थाने का दर्जा मिल गया है. एसएसपी पी कन्नन ने 2009 बैच के सब इंस्पेक्टर रश्मि रंजन को छकरबंधा का थानाध्यक्ष बनाया है. इस थाने के अधीन सिर्फ छकरबंधा पंचायत को रखा गया है. करीब दो वर्ष पहले डीजीपी अभयानंद की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2015 7:15 AM

गया: भाकपा-माओवादी संगठन के गढ़ के रूप में चर्चित छकरबंधा स्थित पुलिस कैंप को थाने का दर्जा मिल गया है. एसएसपी पी कन्नन ने 2009 बैच के सब इंस्पेक्टर रश्मि रंजन को छकरबंधा का थानाध्यक्ष बनाया है. इस थाने के अधीन सिर्फ छकरबंधा पंचायत को रखा गया है. करीब दो वर्ष पहले डीजीपी अभयानंद की पहल पर छकरबंधा में पुलिस कैंप की स्थापना की गयी थी. इस पुलिस कैंप को खोलने को लेकर 2012 में तत्कालीन डीजीपी अभयानंद ने गया शहर के पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर स्थित सीआरपीएफ की 159 वीं बटालियन के कार्यालय में एक बैठक की थी.

उस बैठक में सीआरपीएफ के डीजी के विजय कुमार सहित सीआरपीएफ व पुलिस विभाग के कई वरीय अधिकारियों के साथ डीएम वंदना प्रेयसी भी शामिल हुई थीं. उस समय पुलिस के वरीय अधिकारियों ने कहना था कि जंगल में या तो माओवादी रहें या पुलिस. सीआरपीएफ, कोबरा, जिला पुलिस व एसटीएफ के जवानों को गया में पोस्टिंग माओवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए की गयी है. लेकिन, उन्हें गया शहर स्थित कैंप में रख दिया गया है.

इससे माओवादियों से लड़ाई नहीं जीती जा सकती है. तब, डीएम वंदना प्रेयसी ने संसाधन मुहैया कराया और छकरबंधा, लुटुआ व सेवरा कैंप की स्थापना की. लेकिन, डीजीपी अभयानंद ने इस इलाके में थाने की स्थापना के लिए पहल शुरू की. उन्होंने भाकपा-माओवादी संगठन के सप्लाइ लाइन के रूप में विख्यात इलाके को चिह्न्ति किया और वहां थाना खोलने की अनुशंसा पत्र गृह मंत्रालय को भेजा गया. अब गृह मंत्रलय के निर्देश पर ही छकरंबधा में थाना खोला गया है.

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