बनेंगे रेस्टोरेंट व अतिथि गृह

बोधगया: बौद्ध सर्किट के विकास के लिए बिहार पर्यटन विभाग ने ढ़ूंगेश्वरी पहाड़ी के नीचे पर्यटन सुविधा में बढ़ोतरी की योजना पर काम शुरू कर दिया है. फिलहाल, यहां पर्यटकों के लिए रेस्टोरेंट व अतिथि गृह बनाने की योजना है. इसके लिए विभाग ने जिला प्रशासन से जमीन मुहैया कराने को कहा है. इसके बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2013 8:36 AM

बोधगया: बौद्ध सर्किट के विकास के लिए बिहार पर्यटन विभाग ने ढ़ूंगेश्वरी पहाड़ी के नीचे पर्यटन सुविधा में बढ़ोतरी की योजना पर काम शुरू कर दिया है. फिलहाल, यहां पर्यटकों के लिए रेस्टोरेंट व अतिथि गृह बनाने की योजना है. इसके लिए विभाग ने जिला प्रशासन से जमीन मुहैया कराने को कहा है. इसके बाद जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए इस ओर कदम भी बढ़ाना शुरू कर दिया है. जिला प्रशासन ने बोधगया के सीओ को ढ़ूंगेश्वरी पहाड़ी के नीचे व आसपास जमीन उपलब्ध कराने को कहा था. इसके बाद ढ़ूंगेश्वरी पहाड़ी के नीचे सरकारी जमीन जो करीब एक एकड़ है, उसकी नापी करा हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की गयी. फिलहाल उक्त जमीन का प्रयोग पार्किग के रूप में हो रहा है. इसके अलावा रैयती जमीन के अधिग्रहण की भी तैयारी चल रही है.

अंचल कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ढ़ूंगेश्वरी पहाड़ी से नीचे थोड़ी दूरी पर जगदीशपुर से पश्चिम व लारपुर गांव से पूरब दो एकड़ रैयती जमीन का अधिग्रहण होना है. उक्त जमीन का पहले बथान के रूप में इस्तेमाल होता था. अब उसपर खेती हो रही है. पर्यटन विभाग की यहां अतिथि गृह बनाने की योजना है. अंचल कार्यालय ने प्रक्रिया पूरी कर जिला प्रशासन को जमीन से संबंधित कागजात सौंप दिये हैं.उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बौद्ध स्थलों का भ्रमण किया था. इस दौरान उन्होंने ढ़ूंगेश्वरी पहाड़ी स्थित गुफा का भी अवलोकन किया था. उस वक्त ही यहां एक अतिथि गृह का शिलान्यास होना था. लेकिन, जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे टाल दिया गया था.

इसके बाद इसी साल पर्यटन सचिव मिहिर कुमार सिंह ने भी ढ़ूंगेश्वरी का मुआयना किया व डीएम बालामुरूगन डी को यहां जमीन उपलब्ध कराने को कहा. बोधगया के सीओ जनार्दन प्रसाद ने बताया कि जमीन की मापी करा ली गयी है. हस्तांतरण और अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है. ज्ञातव्य है कि ढ़ूंगेश्वरी पहाड़ी के नीचे व आसपास बौद्ध मठों का निर्माण भी शुरू है. यहां आनेवाले बौद्ध तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है.

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