पार्षद-विधायकों को भी चापाकल की चिंता नहीं
गया: गरमी की आहट के साथ ही गया और इसके प्रखंडीय क्षेत्रों में लोगों को पानी की चिंता सताने लगती है. समय के साथ पानी के स्नेत भी सूखने लगते हैं. चापाकल, बोरिंग, कुएं आदि दगा दे जाते हैं. फिर शुरू होती है पानी के लिए मारामारी. हालांकि, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) ने अपनी […]
गया: गरमी की आहट के साथ ही गया और इसके प्रखंडीय क्षेत्रों में लोगों को पानी की चिंता सताने लगती है. समय के साथ पानी के स्नेत भी सूखने लगते हैं. चापाकल, बोरिंग, कुएं आदि दगा दे जाते हैं. फिर शुरू होती है पानी के लिए मारामारी.
हालांकि, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) ने अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी है, पर विधायकों व विधान पार्षदों ने मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत लगाये जानेवाले चापाकलों से संबंधित सूची नहीं भेजी है. हालांकि, पीएचइडी का दावा है कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई के पहले सप्ताह से काम शुरू हो जायेगा. लेकिन, यह आग लगने पर कुआं खोदने की तैयारी वाली ही बात होगी.
जिले में लगेंगे 1871 नये चापाकल : मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत पंचायतों में पांच-पांच नये चापाकल, नगर निगम के हर एक वार्ड में तीन-तीन व नगर पंचायत के हर एक वार्ड में एक-एक चापाकल लगाने की योजना है. पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता चंदेश्वर राम ने बताया कि एक चापाकल के लिए 56,000 रुपये दिये जाने हैं. जिले में कुल 332 पंचायत, निगम क्षेत्र में 53 वार्ड, शेरघाटी नगर पंचायत में 20, टिकारी में 13 व बोधगया नगर पंचायत में 19 वार्ड हैं. इस तरह जिले में कुल 1871 नये चापाकल लगाये जायेंगे. इसके लिए 55 करोड़, 47 लाख 76 हजार रुपये आवंटित किये गये हैं.
इसके अलावा विधान पार्षदों को भी अपने-अपने क्षेत्र में 100-100 नये चापाकल लगाने की सूची भेजनी है. गौरतलब है कि यहां चार विधान पार्षद हैं. श्री राम ने बताया कि इसके अलावा पंचायतों में बंद पड़े चार-चार चापाकलों को उखाड़ कर दुरुस्त कर लगाया जायेगा. उन्होंने बताया कि हल्के-फुल्के खराब चापाकलों की मरम्मत के लिए भी मरम्मत दलों को गांवों में भेजा जायेगा. पीएचइडी द्वारा विभिन्न योजना मद से जिले में कुल 26183 चापाकल लगे हैं. इनमें से बंद पड़े 2934 चापाकलों में से 1328 की ही मरम्मत की जायेगी. इन्हें स्ट्रर मोडिफिकेशन (एसएम) के तहत दुरुस्त किया जायेगा.