‘चिकनपॉक्स से बचाव का एकमात्र उपाय वेरीसेल्ला वैक्सीन’
गया: चिकनपॉक्स, वेरीसेल्ला वायरस के कारण होता है. इसलिए इस बीमारी को वेरीसेल्ला के नाम भी जाना जाता है. हिंदी में छोटी माता भी कही जाती है. आम तौर पर यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को होता है. लेकिन, 15 साल से कम उम्र के बच्चे इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं. वेरीसेल्ला […]
गया: चिकनपॉक्स, वेरीसेल्ला वायरस के कारण होता है. इसलिए इस बीमारी को वेरीसेल्ला के नाम भी जाना जाता है. हिंदी में छोटी माता भी कही जाती है. आम तौर पर यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को होता है. लेकिन, 15 साल से कम उम्र के बच्चे इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं. वेरीसेल्ला वैक्सीन के बाजार में आ जाने से आर्थिक रूप से संपन्न परिवार के ज्यादातर बच्चे सुरक्षित हो गये हैं, लेकिन गरीब तबके के बच्चे अब भी असुरक्षित हैं.
यह बीमारी जानलेवा नहीं है. लेकिन, काफी पीड़ादायक होता है. शायद यही कारण है कि वेरीसेल्ला वैक्सीन को सरकार के नियमित टीकाकरण में शामिल नहीं किया गया है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ शिव वचन सिंह बताते हैं कि हल्के बुखार के साथ यह बीमारी दस्तक देता है.
फिर, शरीर में छोटे-छोटे दाने और बाद में बड़े दाने के साथ फफोले पर जाते हैं. पेट-पीट आदि आंतरिक हिस्से में दाने ज्यादा निकलते हैं. इससे छोटे बच्चों को निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है. ध्यान नहीं देने पर वेरीसेल्ला इनसेफ्लाइटिस होने से बच्चे की मौत भी हो सकती है. लेकिन, यह खतरा काफी कम होता है. यह बीमारी किसी को कभी भी हो सकती है. मार्च से मई माह के बीच इसका खतरा बढ़ जाता है.