पहले दो पानी, फिर लेंगे दवा

सरकार हर रोज नयी-नयी योजनाएं शुरू कर रही हैं. लोगों को इसका लाभ भी मिल रहा है. इसके बावजूद एक बड़ा तबका आज भी मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर है. इसका एक उदाहरण मंगलवार को नगर प्रखंड क्षेत्र के दुरबे गांव में देखने को मिला, जब स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चों का टीकाकरण गयी. करीब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2015 7:22 AM
सरकार हर रोज नयी-नयी योजनाएं शुरू कर रही हैं. लोगों को इसका लाभ भी मिल रहा है. इसके बावजूद एक बड़ा तबका आज भी मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर है. इसका एक उदाहरण मंगलवार को नगर प्रखंड क्षेत्र के दुरबे गांव में देखने को मिला, जब स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चों का टीकाकरण गयी. करीब डेढ़ साल से पानी की समस्या से जूझ रहे गांव के लोगों ने टीकाकारण का विरोध किया और स्वास्थ्य टीम के समझ पहले पानी, फिर बच्चों को दवा पिलाने की बात कही. हालांकि, यह मामला स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हुआ नहीं है, लेकिन लोगों की मांग जायज थी. अगर जीने के लिए पानी ही नहीं मिलेगा, तो बेहतर स्वास्थ्य का क्या फायदा?
गया: नगर प्रखंड क्षेत्र के दुरबे गांव में ‘मिशन इंद्रधनुष’ के तहत बच्चों का टीकाकरण करने के लिए मंगलवार को स्वास्थ्य टीम गयी थी. लेकिन, गांव के लोगों ने बच्चों को टीका लगवाने से इनकार कर दिया. गांववालों का कहना था कि उन्हें दवा नहीं, पहले पानी चाहिए. पुनीत कुमार, पंकज कुमार, दीपक कुमार, टुन्नी कुमार, रामानंद यादव व मनोज कुमार आदि ने बताया कि दुरबे गांव के लोग डेढ़ साल से पानी की किल्लत से परेशान हैं. गांव में दो चापाकल हैं. इन्हीं चापाकलों से पूरे गांव के लोग पानी लेते हैं. मंगलवार को जब स्वास्थ्य टीम बच्चों को टीका लगाने पहुंची, तो लोगों का गुस्सा भड़क उठा. लोगों ने पहले गांव में पानी की समस्या दूर करने की मांग की. लोगों का तर्क था कि गांव में जब पानी ही नहीं है, तो बच्चों को टीका लगवा कर क्या फायदा? स्वास्थ्य टीम के प्रबंधक विजेंद्र कुमार ने हंगामा कर रहे लोगों को समझाया.
उन्होंने कहा कि उनकी मांग जायज है, लेकिन, यह स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण उनके बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. हालांकि, इसके बाद लोग अपने बच्चों को टीका लगवाने को राजी हुए.

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