सोशल मीडिया से दूर रहें स्कूली छात्राएं
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय स्थित नारी शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को डॉ राधाकृष्णन सभागार में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने महिलाओं को सबल बनाने की वकालत की. कहा- सशक्त समाज के निर्माण के लिए महिलाओं को आर्थिक व शैक्षणिक रूप से मजबूत होना होगा. अल्पसंख्यक आयोग (बिहार सरकार) […]
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय स्थित नारी शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को डॉ राधाकृष्णन सभागार में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने महिलाओं को सबल बनाने की वकालत की. कहा- सशक्त समाज के निर्माण के लिए महिलाओं को आर्थिक व शैक्षणिक रूप से मजबूत होना होगा.
अल्पसंख्यक आयोग (बिहार सरकार) की उपाध्यक्ष पद्मश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि बेहतरी के लिए सोशल मीडिया से स्कूली छात्रओं (कम उम्र की लड़कियां) को दूर ही रहना चाहिए. फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया का कम उम्र की लड़कियों पर गलत असर पड़ रहा है.
इसके चलते वे अपने लक्ष्य से भटक रही हैं. सुधा वर्गीज ने कहा कि भ्रूण हत्या व बाल्यकाल में पनपे बच्चे-बच्ची में अंतर जीवन काल तक बना रहा रहता है. इससे महिला व पुरुष दोनों का विकास नहीं हो पाता है. उन्होंने नशाखोरी को रोकने में महिलाओं की भूमिका को अहम बताया. उन्होंने कहा कि आज ज्यादातर महिलाएं अपने पति से प्रताड़ित होकर आत्महत्या कर रही हैं. इस पर लगाम लगाने की जरूरत है.
पुत्र मोह से ग्रसित हैं लोग
कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ उषा किरण खान ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या का मुख्य कारण समाज में व्याप्त पुत्र मोह है. इससे लोग बेटियों को ज्यादा तरजीह नहीं दे रहे हैं. नतीजतन, लड़कियों की संख्या घट रही है व उनका विकास भी नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि सशक्त समाज के निर्माण में नारी व पुरुष दोनों की भूमिका बराबर है. इसलिए, आर्थिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़ रही महिलाओं को आगे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने नारी शिक्षा के प्रसार पर बल दिया व कहा कि इसके लिए पुरुषों को आगे आना होगा.
उन्होंने एकल परिवार में घरेलू कामकाज में पुरुषों को महिलाओं के साथ हाथ बंटाने पर जोर दिया. वहीं, जन शिक्षण संस्थान से जुड़ीं रेणुका पालित ने कहा कि महिलाओं से संबंधित विभिन्न सदनों में नियम व कानून तो बहुत बनाये जाते हैं. पर, उनका अनुपालन नहीं किया जाता है. उन्होंने महिला आरक्षण बिल की वकालत की व कहा कि महिलाओं में एकता-अखंडता का अभाव होने के कारण ही आज यह स्थिति बनी हुई है.