उसका मानना है कि उसे अंगरेजी में 75 ही नहीं, बल्कि और नंबर मिलने चाहिए थे. उल्लेखनीय है कि प्रमोद को अंगरेजी समेत कुल चार विषयों में डिस्टिंक्शन प्राप्त है. प्रमोद ने बताया कि वह गया में रह कर पढ़ाई-लिखाई कर रहा है. यहां उसे कोचिंग करने की सुविधा मिल जाती है. आगे चल कर इंजीनियर बनने का सपना पालनेवाले प्रमोद ने बताया कि उसके घरवालों ने उसकी पढ़ाई-लिखाई में काफी सपोर्ट किया है. इसे ही वह अपनी सफलता की कुंजी मानता है.
उसने बताया कि वह बढ़िया रिजल्ट के लिए रोज 10 घंटे पढ़ रहा था. अपने भविष्य की योजनाएं बताते हुए प्रमोद ने कहा कि वह अगर इंजीनियर नहीं बन पाया, तो शिक्षक बनना पसंद करेगा. साइंस का शिक्षक. उसने केमिस्ट्री को अपना प्रिय विषय बताया. वैसे, 91 अंकों के साथ प्रमोद की मार्क्सशीट में गणित विषय ही सर्वश्रेष्ठ दिख रहा है.