..खुदा आपको सलामत रखे

बोधगया : गया एयरपोर्ट पर रविवार की सुबह खुशी व गम दोनों के मिश्रित आंसू देखने को मिले. वह भी एक साथ. मौका था, सूबे के विभिन्न जिलों से हज की यात्रा पर जा रहे आजमीने हज की रवानगी का. हज यात्रा पर जानेवाले यात्रियों के परिजन उन्हें एयरपोर्ट तक विदा करने आये थे. हवाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2013 3:27 AM

बोधगया : गया एयरपोर्ट पर रविवार की सुबह खुशी गम दोनों के मिश्रित आंसू देखने को मिले. वह भी एक साथ. मौका था, सूबे के विभिन्न जिलों से हज की यात्रा पर जा रहे आजमीने हज की रवानगी का. हज यात्रा पर जानेवाले यात्रियों के परिजन उन्हें एयरपोर्ट तक विदा करने आये थे.

हवाई अड्डे के बाहर बने पंडाल से परिजन रजाकारों के साथसाथ टर्मिनल तक आते और अपनों को विदा कर वापस पंडाल की तरफ लौट जाते. उनके आंखों में लरजते आंसू को दबाने की कोशिश करते. उन्हें खुशी भी थी. खुशी, तो उनके चेहरे के भाव बयां कर रहे थे.

लेकिन, लंबे समय तक अपनों से बिछुड़ने का दर्द भी स्पष्ट तौर पर दिख रहा था. पंडाल से टर्मिनल तक की दूरी जो महज दो सौ गज की होगी, इसे पार करने के दौरान ही परिजन कई मर्तबा गले मिलते और सलामती के साथ वापस लौटने की दुआ करते रहे. मानों, वह उन्हें जीवन के आखिरी मकसद यानी हज कि लिए विदा कर काफी खुश तो हैं, पर ढलती अवस्था में अपनों से मिलों दूर किस हाल में रह पायेंगे.

कब और कैसे लौटेंगे? इसकी टीस परिजनों के चेहरे पर साफ दिख रही थी. महिलाएं थोड़ी ज्यादा ही भावुक हो रही थीं. कमोबेश यही स्थिति हर तरफ थी. इतना ही नहीं, कई युवा लड़के लड़कियां विमान में सवार होते वक्त तक अपनों का दीदार कर लेने की चाह में एयरपोर्ट के समीप स्थित पेड़ ऊंचे स्थानों से उन्हें निहारने से भी नहीं चूक रहे थे.

माहौल में खुशी और गम दोनों एक साथ दिख रहा था. हर किसी की जुबां पर एक ही बात .. खुदा आपको सलामत रखे.

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