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नक्सली हमले में आमस थानाध्यक्ष निलंबित

गया: गया जिले क आमस थाना क्षेत्र के जीटी रोड पर रविवार की रात करीब चार घंटे तक चले नक्सली तांडव व 30 वाहनों के फूंके जाने की घटना में एसएसपी मनु महाराज ने आमस थानाध्यक्ष अजरुन प्रसाद को निलंबित कर दिया और उनकी जगह जन शिकायत कोषांग के रजनीश पांडेय को आमस थाने की […]

गया: गया जिले क आमस थाना क्षेत्र के जीटी रोड पर रविवार की रात करीब चार घंटे तक चले नक्सली तांडव व 30 वाहनों के फूंके जाने की घटना में एसएसपी मनु महाराज ने आमस थानाध्यक्ष अजरुन प्रसाद को निलंबित कर दिया और उनकी जगह जन शिकायत कोषांग के रजनीश पांडेय को आमस थाने की कमान सौंपी है.
एसएसपी ने बताया कि नक्सली हमले के बाद सघन कांबिंग ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन अभी कोई सफलता नहीं मिली है.नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. दो दिवसीय नक्सली बंदी के मद्देनजर सभी थानाध्यक्षों को मंगलवार की रात तक विशेष चौकसी बरतने की चेतावनी दी गयी है. रात में गश्त बढ़ा देने का निर्देश दिया गया है. विशेष सुरक्षा बल लगाये गये हैं.

सीआरपीएफ, कोबरा व एसटीएफ से भी मदद ली जा रही है. गौरतलब है कि आमस की घटना के बाद नक्सलियों के खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए आलाधिकारियों का मंथन चलता रहा. आइजी (ऑपरेशन) सुशील मान सिंह खोपड़े व जोनल आइजी कुंदन कृष्णन ने सोमवार को घटनास्थल का जायजा लिया था. सूत्रों के अनुसार, बैठक में दोनों आइजी ने पाया कि इतनी बड़ी नक्सली कार्रवाई के पहले क्षेत्र में निश्चित रूप से नक्सली गतिविधियां बढ़ी होंगी. लेकिन, आमस के थानाध्यक्ष अजरुन प्रसाद इनसे बेखबर रहे. वहीं, पुलिस के खुफिया विभाग पर भी सवाल उठने लगा है. आखिर विभाग को नक्सली गतिविधियों की भनक क्यों नहीं मिली? इस चूक के पीछे हर स्तर पर लापरवाही साफ झलक रही है. अंतत: नक्सली घटना के दूसरे दिन मंगलवार को अमूमन हर बार की तरह आमस थानाध्यक्ष अजरुन प्रसाद को जिला मुख्यालय के आदेश पर निलंबित कर दिया गया.

बढ़ा दी गयी चौकसी. आमस प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार की तरह की सुरक्षा व्यवस्था पहले की गयी होती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. इस तरह की बातें आमस के स्थानीय लोगों व वाहन चालकों में हो रही हैं. नक्सलियों द्वारा रविवार की रात जीटी रोड पर उत्पात मचाने के बाद पुलिस महकमा चुस्त नजर आ रहा है. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है. जीटी रोड पर गश्ती बढ़ा दी गयी है. सुरक्षा में सैकड़ों जवान लगाये गये हैं. दमकल कर्मियों को भी अलर्ट रखा गया है. पुलिस के वरीय पदाधिकारी पूरी कार्रवाई की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस प्रकार की व्यवस्था पहले होती, तो नक्सलियों के मंसूबे में सफल नहीं होते और करोड़ों रुपये की संपत्ति नहीं जलती.

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