संत की नहीं होती कोई जात

बोधगया: अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के तत्वावधान में मंगलवार को दोमुहान-धंधवा रोड में मासिक सत्संग का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि प्रेमदास पगला प्रचारक व रामायण दास ने कहा कि संतों की कोई जात नहीं होती है. दोनों ने श्रद्धालुओं से कहा कि जनकल्याण के लिए किये जाने वाले कार्यो के लिए ऊंच-नीच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 8:20 AM
बोधगया: अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के तत्वावधान में मंगलवार को दोमुहान-धंधवा रोड में मासिक सत्संग का आयोजन किया गया.

इसमें मुख्य अतिथि प्रेमदास पगला प्रचारक व रामायण दास ने कहा कि संतों की कोई जात नहीं होती है. दोनों ने श्रद्धालुओं से कहा कि जनकल्याण के लिए किये जाने वाले कार्यो के लिए ऊंच-नीच का भेदभाव कदापि नहीं होना चाहिए. संगठन के जिला अध्यक्ष देवानंद देवर्षि ने बताया कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर संगत धर्म प्रचारक धुरमारी माहत्या के नेतृत्व में मासिक सत्संग का आयोजन किया गया है.

सत्संग के दौरान भजन-कीर्तन व संतों का प्रवचन भी हुआ. सत्संग में संगठन के कोषाध्यक्ष अजय दास, कन्हैया दास, रामबालक दास, नरेश दास, पप्पू दास, प्रेमदास, इंद्रजीत दास, सोनी देवी व प्रमीला देवी समेत काफी संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए.

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