तेज गरमी बच्चों के लिए घातक
गया: तपिश बढ़ने के साथ-साथ बच्चों की समस्याएं भी बढ़ी हैं. बच्चे तेज बुखार, कफ, कोल्ड, डायरिया, डिसेंट्री व मिजल्स व चिकन पॉक्स की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में सरकारी अस्पतालों समेत निजी क्लिनिकों में मरीजों की भीड़ बढ़ी है. खास कर शिशु रोग विशेषज्ञों के क्लिनिकों में भीड़ ज्यादा देखी जा रही […]
गया: तपिश बढ़ने के साथ-साथ बच्चों की समस्याएं भी बढ़ी हैं. बच्चे तेज बुखार, कफ, कोल्ड, डायरिया, डिसेंट्री व मिजल्स व चिकन पॉक्स की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में सरकारी अस्पतालों समेत निजी क्लिनिकों में मरीजों की भीड़ बढ़ी है. खास कर शिशु रोग विशेषज्ञों के क्लिनिकों में भीड़ ज्यादा देखी जा रही है.
सिविल सजर्न डॉ अरविंद कुमार की मानें, तो इन मौसमी बीमारियों से निबटने के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं. जयप्रकाश नारायण अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ विजय कुमार ने बताया कि तेज धूप के कारण लूज मोशन (दस्त), डिसेंट्री (पेचिश), डायरिया व सन एग्जॉस्ट के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है, लेकिन अस्पताल में एक भी शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है. इस कारण फिजिशियन डॉक्टर ही बच्चों का इलाज करते हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है. ओपीडी की 33 दवाओं की सूची में 30 दवाएं व इनडोर की 114 दवाओं की सूची में 90 उपलब्ध हैं.
इसी प्रकार मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ बीबी सिंह ने बताया कि हीट स्ट्रोक, मेनेंजाइटिस व चिकन पॉक्स से पीड़ित बच्चे ज्यादा आ रहे हैं. इसके अलावा तेज बुखार व डायरिया आदि के भी मरीज आ रहे हैं. ज्यादातर दवाएं अस्पताल में उपलब्ध है. कुछ-कुछ दवाएं मरीज के परिजनों को बाहर से खरीदनी पड़ती है.