काश, वीआइपी परिवार से आते व्याख्याता, तो .

गया: अगर बाइपास के अशोक विहार कॉलोनी में रहनेवाले व्याख्याता दंपती (डॉ रामनारायण प्रसाद सिन्हा व कुमुद वर्मा) किसी वीआइपी परिवार से आते, तो उनके घर में हुई चोरी का खुलासा करने के लिए पुलिस डॉग स्कवाड की व्यवस्था करती. लेकिन, दुर्भाग्य से व्याख्याता दंपत्ती की पहुंच पुलिस के वरीय अधिकारियों तक नहीं है. या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 8:16 AM

गया: अगर बाइपास के अशोक विहार कॉलोनी में रहनेवाले व्याख्याता दंपती (डॉ रामनारायण प्रसाद सिन्हा व कुमुद वर्मा) किसी वीआइपी परिवार से आते, तो उनके घर में हुई चोरी का खुलासा करने के लिए पुलिस डॉग स्कवाड की व्यवस्था करती. लेकिन, दुर्भाग्य से व्याख्याता दंपत्ती की पहुंच पुलिस के वरीय अधिकारियों तक नहीं है. या फिर इस चोरी को पुलिस के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया. तभी तो चोरों का सुराग पाने के लिए डॉग स्कवाड नहीं आया.

गौरतलब है कि करीब तीन महीने पहले एक ऐसी ही चोरी शहर के रामपुर थाना क्षेत्र के गेवाल बिगहा मुहल्ले में एक पूर्व बैंक मैनेजर के घर में हुई थी. घटना के वक्त मृत बैंक मैनेजर की पत्नी अपने बच्चे के साथ रांची गयी हुई.

चोरी की सूचना पाकर महिला अपने घर लौटी और इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय में पोस्टेड अपने एक रिश्तेदार को दी. इसके बाद पुलिस मुख्यालय से फोन आते ही गया जिले की पुलिस सक्रिय हो गयी और उक्त चोरी का खुलासा करने के लिए 24 घंटे के अंदर डॉग स्क्वाड की व्यवस्था हुई और पटना से एफएसएल की टीम भी पहुंची. टीम ने घर से चोरों के फिंगर प्रिंट समेत कई सबूत जुटाये. हालांकि, अब तक उस चोरी की घटना का खुलासा नहीं हो सका है. लेकिन, गया जिले की पुलिस चोरी की घटना में कैसी दोरंगी नीति अपनाती है, इसका यह एक प्रत्यक्ष उदाहरण है.

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