मांगें पूरी नहीं होने तक संघर्ष का एलान
गया : राज्य सरकार एक ओर जहां समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की ढोल पीट रही है, वहीं विद्यालय के एक शिक्षक को 10 हजार तो दूसरे को 30 हजार रुपये दे रही है. अब सरकार की यह दोरंगी नीति नहीं चलने दी जायेगी. नियोजित शिक्षकों को जब तक वेतनमान नहीं दिया जायेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा.
ये बातें पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पूरन कुमार ने रविवार को आइएमए हॉल में जिलास्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों का मानदेय तीन हजार रुपये बढ़ाया जाना महज छलावा है. वहीं, महासचिव केशव कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षकों का शोषण शुरू से ही की जा रही है.
कभी मैट्रिक योग्यताधारी शिक्षकों को हटाये जाने की नाम पर, तो कभी व्यावसायिक शिक्षा के नाम पर. हक–हकूक की बात करने पर सरकार शिक्षकों पर लाठियां बरसाती है. लेकिन, हम चुप रहने वाले नहीं है. सभी शिक्षकों को एक समान वेतन नहीं दिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
सम्मेलन को प्रदेश उपाध्यक्ष राम पुकार सिन्हा, नवीन कुमार सिंह, जयंत कुमार सिंह, लाल बाबू कुमार आदि ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व शिक्षा मंत्री पीके शाही शिक्षकों के हितैषी नहीं हैं. सम्मेलन की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष रीना कुमारी व संचालन सचिव रमेश कुमार ने किया.
प्रदेश सचिव राकेश कुमार, कोषाध्यक्ष धर्मेद्र कुमार, मोतिहारी जिला अध्यक्ष प्रमोद यादव, पटना जिला संयोजक राकेश कुमार, लखीसराय के आनंद कुमार समेत स्थानीय शिक्षकों ने भी सम्मेलन को संबोधित किया.