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शिक्षक नौ, पढ़नेवाला एक भी नहीं

गया: एक साल पहले ही प्लस-टू स्कूल में अपग्रेड हो चुके कुजापी स्थित जग्गू लाल हाइस्कूल को शिक्षा विभाग से अब तक कोड नहीं मिल सका है. इस कारण अब तक इंटरमीडिएट में एक भी नामांकन नहीं हो सकता है. लेकिन, फरवरी, 2014 से ही प्लस-टू के लिए शिक्षकों की पोस्टिंग की जा रही है. […]

गया: एक साल पहले ही प्लस-टू स्कूल में अपग्रेड हो चुके कुजापी स्थित जग्गू लाल हाइस्कूल को शिक्षा विभाग से अब तक कोड नहीं मिल सका है. इस कारण अब तक इंटरमीडिएट में एक भी नामांकन नहीं हो सकता है. लेकिन, फरवरी, 2014 से ही प्लस-टू के लिए शिक्षकों की पोस्टिंग की जा रही है. वर्तमान में प्लस-टू में नौ शिक्षक कार्यरत हैं. ये शिक्षक नौवीं व 10वीं की कक्षाएं ले रहे हैं. प्लस टू के शिक्षकों का आरोप है कि नौवीं व 10वीं कक्षा के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हैं. लेकिन, उन्हें नौवीं व 10वीं कक्षा में पढ़ाने के लिए बाध्य किया जा रहा है.
प्लस-टू के शिक्षक धर्मेद्र प्रसाद (हिंदी), सतीश कुमार सिंह (भूगोल), सुरेंद्र यादव (अंगरेजी), प्रमीला कुमारी (इतिहास), रितू रंजना (रसायनशास्त्र) व कुमारी बरखा (वनस्पति विज्ञान) ने जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रतिभा कुमारी को आवेदन देकर प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि पिछले एक साल से उन्हें नौवीं व 10वीं कक्षा में अध्यापन कार्य करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जबकि इन कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए नौ माध्यमिक शिक्षक मौजूद हैं.
इधर, प्राचार्य विजय कुमार पाल की मानें, तो कोड नहीं मिल पाने के कारण प्लस-टू में नामांकन नहीं लिया जा सका है. ऐसे में प्लस-टू के शिक्षक बगैर पढ़ाये ही वेतन लेना चाहते हैं, जो नियम के अनुकूल नहीं है. उन्होंने कहा कि कोड प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया जा चुका है. उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में ही कोड मिल जाये.
उन्होंने बताया कि प्लस टू में नौ व हाइस्कूल में 12 शिक्षकों की पोस्टिंग है. नौवीं व 10वीं कक्षा में 950 से अधिक छात्र-छात्रएं हैं. इन्हें आठ सेक्शनों में बांटा गया है. लेकिन, स्कूल में छह कमरे ही उपलब्ध रहने के कारण अलग-अलग बैठाना संभव नहीं है.

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