गर्भावस्था में संतुलित आहार के साथ सावधानी भी जरूरी

गया : गर्भावस्था में महिलाओं को संतुलित आहार के साथ-साथ सावधानी भी बरतनी जरूरी है. गर्भवती होने का संकेत मिलते ही महिलाएं डॉक्टर से परामर्श के बाद जांच कराएं. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर नियमित चेकअप कराती रहें. संस्थागत प्रसव कराना मां व बच्चे दोनों की सेहत के लिए अच्छा है. ये सुविधाएं मातृ, शिशु ट्रेकिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2015 8:51 AM
गया : गर्भावस्था में महिलाओं को संतुलित आहार के साथ-साथ सावधानी भी बरतनी जरूरी है. गर्भवती होने का संकेत मिलते ही महिलाएं डॉक्टर से परामर्श के बाद जांच कराएं. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर नियमित चेकअप कराती रहें. संस्थागत प्रसव कराना मां व बच्चे दोनों की सेहत के लिए अच्छा है.
ये सुविधाएं मातृ, शिशु ट्रेकिंग प्रणाली (एमसीटीएस) के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं. साथ ही, इन सुविधाओं का लाभ उठाने पर मरीज को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. प्रस्तुत है जयप्रकाश नारायण अस्पताल की महिला व प्रसूता रोग विशेषज्ञ डॉ संध्या प्रसाद से बातचीत पर आधारित एक रिपोर्ट.
डॉ संध्या प्रसाद ने बताया कि गर्भवती होने के बाद महिलाओं को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ता है. खासकर पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को. गर्भधारण के बाद कई जांच करवाने पड़ते हैं. इसके लिए किसी योग्य डॉक्टर का परामर्श जरूरी है.
उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान खान-पान व सेहत का समुचित देखभाल जरूरी है. नियत समय पर नाश्ता व भोजन के साथ दवाएं लेना भी जरूरी है. गर्भवती महिलाएं दूध, दही, पनीर, मांस, मछली, अंडा, हरी सब्जी व साग का सेवन करें. गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में भारी काम व सीढ़ियां चढ़ने से बचना चाहिए. कैलशियम का सेवन इसमें सहायक होता है. गर्भावस्था में तनाव मुक्त रहना जरूरी है. महिलाओं को हमेशा खुश रहना चाहिए. एनिमिया से पीड़ित महिलाओं के लिए आयरन युक्त भोजन व आयरन की गोली लेना लाभप्रद होगा. निर्धारित समय पर टिटेनस काटीका लेना नहीं भूलें. डॉक्टर के निर्देशानुसार प्रसव की निर्धारित तिथि से पूर्व अस्पताल में भरती हो जाना चाहिए, ताकि कोई परेशानी नहीं उठाना पड़े.
डॉक्टर ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में चेकअप व जांच की सुविधा है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत हर गांव में आशा नियुक्त हैं. गर्भधारण, प्रसव व प्रसव के एक साल बाद तक देखभाल करना आशा का दायित्व है. सही समय पर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाकर जांच कराना, टीका लगवाना, प्रसव के लिए एंबुलेंस उपलब्ध कराना व अस्पताल में भरती कराना भी आशा की जिम्मेवारी है. अस्पताल में प्रसूता सेवा करने के लिए ममता की नियुक्ति की गयी है.

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