मगध विश्वविद्यालय में नहीं हैं आग बुझाने के उपकरण

प्रशासकीय भवन, पीजी विभागों व हॉस्टलों की सुरक्षा भगवान भरोसे बोधगया : सूबे के सबसे बड़े विश्वविद्यालय होने का दावा करने व नैक की मान्यता हासिल करने करने में जुटे मगध विश्वविद्यालय (एमयू) में अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्यूशर) की व्यवस्था नहीं है. फिलहाल, आपात स्थिति में एमयू प्रशासन को दमकल का सहारा लेने के सिवाय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2015 8:45 AM
प्रशासकीय भवन, पीजी विभागों व हॉस्टलों की सुरक्षा भगवान भरोसे
बोधगया : सूबे के सबसे बड़े विश्वविद्यालय होने का दावा करने व नैक की मान्यता हासिल करने करने में जुटे मगध विश्वविद्यालय (एमयू) में अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्यूशर) की व्यवस्था नहीं है. फिलहाल, आपात स्थिति में एमयू प्रशासन को दमकल का सहारा लेने के सिवाय और कोई चारा भी नहीं है.
एमयू के प्रशासकीय भवन स्थित विभिन्न शाखाओं, विभिन्न पीजी विभागों व हॉस्टलों में भी आग बुझाने का उपकरण मौजूद नहीं हैं. इस तरह आग लगने की स्थिति में काफी नुकसान हो सकता है. छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, कर्मचारियों के रेकॉर्ड समेत जरूरी फाइल व अन्य कागजात जल सकते हैं. एमयू कैंपस से बोधगया प्रखंड कार्यालय की दूरी करीब आठ किलोमीटर है.
ऐसी स्थिति में आग लगने पर वहां से दमकल आते-आते काफी देर हो जायेगी. गौरतलब है कि एमयू के प्रशासकीय भवन में सैकड़ों कर्मचारी काम करते हैं. वहीं, विभिन्न शैक्षणिक भवनों में भी दर्जनों शिक्षकों समेत छात्र-छात्राओं की मौजूदगी रहती है.

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