गया: जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) राजीव रंजन प्रसाद ने अपने कार्यालय में कार्यरत आठ लिपिकों को ट्रांसफर ऑर्डर के करीब तीन माह बाद मंगलवार को विरमित कर दिया. वह भी तब जब 27 सितंबर को मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक(आरडीडीइ) ने लिपिकों को स्वत: विरमित होने का सख्त आदेश जारी किया था. बावजूद इसके विरमित किये गये प्राय: सभी लिपिकों को डीइओ ऑफिस में मंगलवार को भी कार्य करते देखा गया.
ज्ञातव्य है कि मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक(आरडीडीइ) ने ज्ञापांक 609, दिनांक 28 जून 2013 द्वारा प्रमंडल के विभिन्न शिक्षा कार्यालयों में कार्यरत 16 लिपिकों का ट्रांसफर आदेश निकाला था, जिसमें डीइओ ऑफिस, गया कार्यालय के नौ लिपिक शामिल थे. आदेश पत्र में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया था कि एक पक्ष के अंदर स्थानांतरित कार्यालय में योगदान देना सुनिश्चित करें.
साथ ही संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया था कि स्थानांतरित लिपिकों को कार्य विरमित कर योगदान कराना सुनिश्चित करें. बावजूद अब तक आदेश का पालन नहीं किया जा सका था. पुन: आरडीडीइ ने 27 सितंबर को स्वत: विरमित होने का सख्त आदेश जारी किया.
परिणामस्वरूप बाध्य होकर डीइओ ने 30 सितंबर को ज्ञापांक 2095 के द्वारा आदेश पत्र जारी कर आठ लिपिकों को विरमित कर दिया. इसमें नवल किशोर सिंह, अमरेंद्र कुमार व प्रमोद नारायण सिन्हा को डीइओ ऑफिस अरवल में योगदान देना है. इसी प्रकार मंजर इकबाल व विजय कुमार सिन्हा को डीइओ ऑफिस जहानाबाद में योगदान देना है. शिव प्रताप यादव को राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय गया, ओमप्रकाश को राजकीय उच्च विद्यालय जेठियन व संजीत प्रिय को जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान गया में योगदान देना है.