अरे छोड़िए ! न कुछ किये हैं, न करेंगे
गया: शहर की सड़कों पर चलनेवाले खटालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दो महीने पहले ही आदेश दिया गया था, लेकिन अब भी हालात नहीं बदले हैं. सड़कों पर मवेशियों के बांधने का सिलसिला जारी है. इससे स्पष्ट है कि प्रशासन व नगर निगम के अधिकारी इस मामले में गंभीर नहीं है. परेशान लोग […]
गया: शहर की सड़कों पर चलनेवाले खटालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दो महीने पहले ही आदेश दिया गया था, लेकिन अब भी हालात नहीं बदले हैं. सड़कों पर मवेशियों के बांधने का सिलसिला जारी है. इससे स्पष्ट है कि प्रशासन व नगर निगम के अधिकारी इस मामले में गंभीर नहीं है. परेशान लोग जब शिकायत करते हैं या फिर विरोध जताते हैं, तो कार्रवाई के नाम पर कुछ खटाल संचालकों को नोटिस थमा दिया जाता है. सड़क से खटाल हटाने के आदेश भी निकलते हैं, लेकिन यह महज दिखावा ही होता है. यह कहना है शहर के लोगों का.
लोग स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि जिला प्रशासन व नगर निगम ने इस मसले पर अब तक न तो कुछ किया है और न ही आगे करेगा. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की बात हो रही है, लेकिन सड़कों पर मवेशी व गंदगी के साथ गया शहर कैसे स्मार्ट बनेगा ?
परेशान हैं शहर के लोग
सड़क पर मवेशियों के बांधने या खुला घूमने से शहर के लोग परेशान हैं. सड़कों पर चलना भी मुश्किल हो गया है. शहर के लगभग हर पार्क व तालाब के किनारे मवेशी बांध कर गंदगी फैलायी जा रही है. अगर कोई इसका विरोध करता है, तो खटाल संचालक मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. गत मई महीने में ही जब दिग्घी तालाब के पास लोगों ने सड़क पर मवेशी बांधने के विरोध में प्रदर्शन किया था, तो उस वक्त भी खटाल संचालकों ने इन लोगों ने मारपीट की थी. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ था.
इसके बाद में नगर निगम के अधिकारियों ने खटाल संचालकों को नोटिस भी दिया. साथ ही, डीएम ने एक महीने के भीतर खटाल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आदेश जारी किया था.