किशोरावस्था में बच्चों पर नजर रखें शिक्षक व अभिभावक : मित्र

बोधगया: एनसीइआरटी व केंद्रीय विद्यालय संगठन के सौजन्य से बोधगया के होटल डेल्टा में आयोजित किशोरावस्था शिक्षण कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ. इसमें केंद्रीय विद्यालयों व नवोदय विद्यालयों के शिक्षकों में इस विषय पर विमर्श किया गया कि किशोरावस्था में भटकाने वाली प्रवृत्तियों से लड़कों को कैसे अलग रखा जाये, उन्हें कैसे सचेत किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2015 8:07 AM
बोधगया: एनसीइआरटी व केंद्रीय विद्यालय संगठन के सौजन्य से बोधगया के होटल डेल्टा में आयोजित किशोरावस्था शिक्षण कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ. इसमें केंद्रीय विद्यालयों व नवोदय विद्यालयों के शिक्षकों में इस विषय पर विमर्श किया गया कि किशोरावस्था में भटकाने वाली प्रवृत्तियों से लड़कों को कैसे अलग रखा जाये, उन्हें कैसे सचेत किया जाये.
कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि ज्यादातर किशोरों को अपने अभिभावकों से संकोच होता है. वे उनसे अपनी समस्याओं को नहीं कह पाते हैं. इस कारण शिक्षकों को चाहिए कि किशोरों की भावनाओं व उनकी गतिविधियों के साथ-साथ दिनचर्या पर भी नजर रखें और उन्हें उचित परामर्श देकर बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करें. कार्यशाला में कई शिक्षकों ने शिक्षा नीति व संरचनाओं में सुधार की वकालत भी की. इंटरनेट के बढ़ते वर्चस्व को ध्यान में रखते हुए किशोरों को इसके फायदे व नुकसान दोनों से अवगत कराने के गुर शिक्षकों को सिखाये गये.

कार्यशाला के समापन पर शिक्षकों ने इस संकल्प को भी दोहराया कि वे किशोरों को भटकने से रोकने के लिए पहले की अपेक्षा अब और ज्यादा जोर देंगे. केंद्रीय विद्यालय संगठन मुख्यालय नयी दिल्ली के सहायक आयुक्त वरुण मित्र ने कहा कि किशोरों को सही दिशा में ले जाने की जरूरत है. किशोरों के पास अपार ऊर्जा है. इसका उपयोग वह किस क्षेत्र में कर पाते हैं, इसका मार्गदर्शन शिक्षकों को ही करना है. उन्होंने अभिभावकों को भी अपने बच्चों की किशोरावस्था में सतर्क रहने की सलाह दी व कहा कि घर व आसपास के वातावरण पर किशोरों की जीवनशैली निर्भर करता है. इसमें सुधार के लिए शिक्षकों की भूमिका काफी अहम है. कार्यशाला में पटना, लखनऊ व कोलकाता संभाग के केंद्रीय विद्यालयों व पटना व लखनऊ संभाग के नवोदय विद्यालयों से कुल 41 प्रतिभागियों ने भाग लिया.

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