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गया में 69 शिक्षकों की प्रोन्नति रद्द

गया: प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक अजय कुमार चौधरी के आदेश पर बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) के कार्यालय में जिला शिक्षा प्रोन्नति स्थापना समिति की बैठक हुई. इसमें 628 शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षित में प्रोन्नति को छोड़ पूर्व में लिये प्राय: सभी फैसले को रद्द कर दिया गया. प्रोन्नत शिक्षकों को नये सिरे […]

गया: प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक अजय कुमार चौधरी के आदेश पर बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) के कार्यालय में जिला शिक्षा प्रोन्नति स्थापना समिति की बैठक हुई.

इसमें 628 शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षित में प्रोन्नति को छोड़ पूर्व में लिये प्राय: सभी फैसले को रद्द कर दिया गया. प्रोन्नत शिक्षकों को नये सिरे से 21, 22 व 23 अक्तूबर को स्कूल आवंटित किये जायेंगे. 69 शिक्षकों को दी गयी प्रोन्नति को तत्काल रद्द कर दिया गया है. इसके लिए दोषी अधिकारी के विरुद्ध आरोप प्रपत्र ‘क’ गठित की जायेगी.

इसके अलावा लंबे समय से प्रधानाध्यापक पद पर लंबित प्रोन्नति व मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान दिये जाने पर विचार भी विचार-विमर्श किया गया. प्राथमिक शिक्षा निदेशक

श्री चौधरी ने अगस्त माह में जिले में प्रारंभिक शिक्षकों को मैट्रिक प्रशिक्षित से स्नातक प्रशिक्षित में प्रोन्नति देने व पदस्थापना में अनियमितता बरतने की पुष्टि करते हुए जिम्मेवार पदाधिकारी के विरुद्ध आरोप प्रपत्र ‘क’ गठित करने का निर्देश दिया था. इसी के आलोक में बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिला शिक्षा प्रोन्नति स्थापना समिति की बैठक बुलायी. बैठक के बाद डीइओ ने ‘प्रभात खबर’ को बताया कि निदेशक के आदेशों का पूरी तरह पालन किया जायेगा. इसमें जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. सभी शिक्षकों को न्याय मिलेगा.

2012 में हुई थी पोस्टिंग
गौरतलब है कि जिला शिक्षा स्थापना समिति द्वारा गत वर्ष नवंबर माह में बिहार राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय नियमावली-2011 के तहत नवंबर-2011 में 628 शिक्षकों को व दिसंबर-2012 में 69 शिक्षकों को मैट्रिक प्रशिक्षित से स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान में प्रोन्नति दी गयी थी. साथ ही प्रोन्नत शिक्षकों को विभिन्न स्कूलों में पोस्टिंग की गयी थी. बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव व अन्य कई शिक्षकों ने प्रोन्नति व पदस्थापना में अनियमितता बरते जाने का अरोप लगाते हुए साक्ष्यों के साथ मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आडीडीइ)के कार्यालय में न्याय की गुहार की थी.

अनियमितता की हुई थी पुष्टि
आरडीडीइ ने आरोप को सही मानते हुए तत्काल प्रभाव से प्रोन्नति कार्यवाही को रद्द करने का आदेश दिया था. साथ ही संबंधित अधिकारियों से एक सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण की भी मांग की थी, पर इस आदेश को डीइओ कार्यालय ने गंभीरता से नहीं लिया. बाद में यह मामला प्राथमिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय में चला गया. इस मामले को निदेशक ने गंभीरता से लिया. उन्होंने आदेश पत्र जारी कर स्पष्ट रूप से कहा था कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण स्वीकार योग्य नहीं है. स्नातक प्रशिक्षित के रिक्त पदों के विरुद्ध ही प्रोन्नति दी जानी थी, लेकिन मैट्रिक के रिक्त पदों के विरुद्ध भी प्रोन्नति दी गयी. प्रोन्नत शिक्षकों के पदस्थापन में भी अनियमितताएं बरती गयी. इतना ही नहीं, इसके लिए विभागीय नियमों की गलत व्याख्या करने की भी कोशिश की गयी है.

फलस्वरूप फिर से प्रारंभिक शिक्षक प्रोन्नति समिति की बैठक बुला कर आरडीडीइ सह अपीलीय प्राधिकार के आदेशों का अनुपालन कराया जाये. साथ ही जिम्मेवार पदाधिकारी के विरुद्ध आरोप प्रपत्र ‘क’ गठित कर सक्षम पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित करें.

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