अपने बेटों को छोड़ बाकी को भैंसचरवा समझ रहे लालू : नंदकिशोर यादव
मगध व शाहाबाद की जनता ने लोकसभा चुनाव में सभी सीटें एनडीए को दी. इसके लिए उनको धन्यवाद. अब उनके सामने विधानसभा चुनाव है. यह आपको तय करना है कि जंगलराज की पुन:वापसी कराना चाहते हैं, या स्वच्छ, स्वस्थ व मजबूत सरकार चाहते हैं, जो विकास कर सके. ये बातें परिवर्तन रैली के मंच से […]
मगध व शाहाबाद की जनता ने लोकसभा चुनाव में सभी सीटें एनडीए को दी. इसके लिए उनको धन्यवाद. अब उनके सामने विधानसभा चुनाव है. यह आपको तय करना है कि जंगलराज की पुन:वापसी कराना चाहते हैं, या स्वच्छ, स्वस्थ व मजबूत सरकार चाहते हैं, जो विकास कर सके. ये बातें परिवर्तन रैली के मंच से बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहीं.
श्री यादव ने कहा कि बिहार की सत्ता संभाल रहे नेताओं में बेचैनी है. उनकी परेशानी बढ़ गयी है. यह महागंठबंधन नहीं, ‘नीला’ गंठबंधन है. ‘नी’ से नीतीश व ‘ला’ से लालू. यह नीतीश-लालू मॉडल है. नीला शरीर तभी होता है, जब कोई विषपान कर लेता है. उन्होंने कहा अब सूबे की जनता को चुनना है कि विषपान करना है, या नहीं. मुजफ्फरपुर की रैली के बाद गया की भीड़ बता रही है कि उन्हें नीला गंठबंधन नहीं, बल्कि एनडीए चाहिए. श्री यादव ने कहा कि लालू प्रसाद कह रहे हैं कि मेरा बेटा एमएलए नहीं बनेगा, तो क्या भैंस चरायेगा. इसका मतलब क्या है? लालू सभी को भैंस चरवाहा समझ रहे हैं.