गया: विद्वान व्यास राधाकांत गोस्वामी के आचार्यत्व में 51 ब्राह्नाणों द्वारा धामी टोला में शनिवार को आठवें दिन श्रीराम चरितमानस नवाह्न् पारायण यज्ञ समिति के तत्वावधान में आयोजित नवाह्न् पारायण पाठ किया जा रहा है. यह नवरात्रि के पहले दिन से ही हर रोज सुबह हो रहा है.
संध्याकालीन प्रवचन के दौरान साध्वी प्रज्ञा भारती ने श्रद्धालुओं के बीच श्री हनुमान चरित पर विशद (अच्छी) बातें लोगों को बतायीं. उन्होंने कहा कि हनुमानजी का एकमात्र आधार राम नाम है. राम नाम ही उनका प्राणाधार है, उनकी पूजा है. उनकी साधना है और उनकी आराधना है. साध्वी ने ‘रूद्र देह तजि नेह बस संकर मे हनुमान’ की बड़ी ही विद्वतापूर्ण दशाधिक भाव व्यंजना प्रस्तुत की.
उन्होंने कहा कि शिव दिन-रात नाम स्मरण करते हैं. अत: वह हनुमान रूप में भी यही नाम चौबीसों घंटे स्मरण करते हैं. वह जब अवध भगवान श्रीराम की बाल लीला दर्शन करने आये, तो एक रूप में बने मदारी व एक रूप में बंदर. शिव का वैवाहिक जीवन भी सती के साथ वियोगमय रहा. हनुमान रूप में अखंड ब्रह्नाचारी रहे. शिव के गण भूत-प्रेत हैं, जब यहां भूत-पिशाच निकट नहीं आवे. शिव रूप में जगत्पिता हैं. हनुमान रूप में जगत्पिता राम के सेवक हैं. शिव रूप में वह कथा सुनाते हैं और हनुमान रूप में राम नामामृत पान करते हैं. इस मौके पर सुशीला डालमिया, समिति के अध्यक्ष शिव कैलाश डालमिया, रामावतार धानुका, अनिल स्वामी, रवींद्र कुमार सिंह, डॉ ब्रजराज मिश्र, विजय शर्मा, डॉ मुनि किशोर सिंह आदि उपस्थित थे. मंच का संचालन डॉ राधानंद सिंह ने किया.