पहली बार बोधिवृक्ष की छांव तले नमो
बोधगया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जीवनकाल में पहली बार महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की और बोधिवृक्ष की छांव तले ध्यान लगाया. अंतरराष्ट्रीय हिंदू-बौद्ध समागम के समापन समारोह में शामिल होने आये पीएम ने सबसे पहले महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में बुद्ध के समक्ष मत्था टेका और इसके बाद बोधिवृक्ष की छांव तले […]
बोधगया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जीवनकाल में पहली बार महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की और बोधिवृक्ष की छांव तले ध्यान लगाया. अंतरराष्ट्रीय हिंदू-बौद्ध समागम के समापन समारोह में शामिल होने आये पीएम ने सबसे पहले महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में बुद्ध के समक्ष मत्था टेका और इसके बाद बोधिवृक्ष की छांव तले ध्यान मग्न हुए.
पीएम ने बड़ी ही गंभीरता व चिंतन मुद्रा में महाबोधि मंदिर का अवलोकन किया. इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने थेरोवाद, महायान व हीनयान परंपरा से सूत्रपाठ किया.
महाबोधि प्रबंधन समिति की ओर से डीएम कुमार रवि, सचिव एन दोरजी, सदस्य डा अरविंद कुमार सिंह, डॉ कुमुद वर्मा, महाश्वेता महारथी व मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्खु चालिंदा ने चंदन की लकड़ी से बनी बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान लगाये बुद्ध की मूर्ति भेंट की. इसके बाद पीएम ने नवनालंदा महाविहार की ओर से लगायी गयी फोटो प्रदर्शनी व हैंडिक्राप्ट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया व मुआयना किया.
इससे पहले महाबोधि मंदिर पहुंचने पर बीटीएमसी कार्यालय के समीप इंटरनेशनल बुद्धिष्ट कन्फेडेरेशन के महासचिव लोपजांग व बीटीएमसी के सचिव एन दोरजी ने खादा भेंट कर पीएम का स्वागत किया. कड़ी सुरक्षा के बीच पीएम ने महाबोधि मंदिर को निहारा और कहा कि वह शांति के स्थल पर आकर अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं. उन्होंने महाबोधि मंदिर से वापस लौटते वक्त मुख्य द्वार पर खड़े होकर अकेले में फोटो भी खिंचवायी.
वापसी के वक्त पीएम के कदमों में उतनी जल्दी नहीं देखी गयी, जितनी तेजी मंदिर में प्रवेश करते वक्त देखी गयी. महाबोधि मंदिर से निकलने के बाद पीएम ने महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया(श्रीलंका बौद्ध मठ) स्थित जयश्री महाबोधि विहार में पूजा की व बुद्ध के धातु अवशेष को देखा.
यहां सोसाइटी के जेनरल सेक्रेटरी वेन पी शिवली थेरो व भिक्खु मेदंकर ने पूजा-अर्चना करायी. हालांकि, पीएम के साथ श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा बोधगया नहीं आयीं.