बेटी ने कहा, पापा का बंदूक लेकर चलना सही नहीं था

बेटी ने कहा, पापा का बंदूक लेकर चलना सही नहीं थाकमांडर के जेल जाने पर भी परिवार में खुशीफोटो-वरीय संवाददाता, गयापुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा व एसएसबी द्वारा चलाये गये ऑपरेशन ‘विश्वास’ से प्रेरित होकर एसएसपी के समक्ष सरेंडर करनेवाले भाकपा-माओवादी संगठन के सबजोनल कमांडर बाबूचंद भूईंया को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर जेल भेजने की तैयारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2015 10:42 PM

बेटी ने कहा, पापा का बंदूक लेकर चलना सही नहीं थाकमांडर के जेल जाने पर भी परिवार में खुशीफोटो-वरीय संवाददाता, गयापुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा व एसएसबी द्वारा चलाये गये ऑपरेशन ‘विश्वास’ से प्रेरित होकर एसएसपी के समक्ष सरेंडर करनेवाले भाकपा-माओवादी संगठन के सबजोनल कमांडर बाबूचंद भूईंया को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी गयी. बावजूद इसके उसकी मां बेदमिया देवी, पत्नी मंजू देवी, सास जगिया देवी वे बेटी राखी व शिवानी की अांखों में आंसू नहीं थे. पूरे परिवार को संतोष था. धनहरी स्थित प्राथमिक विद्यालय में पांचवीं कक्षा में पढ़नेवाली कमांडर की बड़ी बेटी राखी बताती है कि उसे याद नहीं है कि उसके पिता कब उसके साथ दो-चार घंटा रहे. वह आते और तुरंत चले जाते. उनके जाने के बाद पुलिस घर आती थी. मां ने बताया कि उसके पापा अब पुलिस के साथ हो गये हैं. अब उसके पापा उसके साथ रह सकेंगे. राखी व उसकी छोटी बहन ने बताया कि वह खूब पढ़ना चाहती है. उसके पापा बंदूक लेकर चलते थे, वह ठीक नहीं था.दोबारा बस गया बेटी का घर सबजोनल कमांडर की सास (बोधगया थाने के रतिबिगहा की रहनेवाली) जगिया देवी की आंखों में आंसू भर आये थे. जगिया बताती है कि मंजू सात-आठ वर्ष की थी, तो उसी समय उसकी शादी बाबूचंद भूईंया से कर दी थी. लेकिन, समय की मार से मेहमान नक्सली बन गये. इससे हमेशा किसी अनहोनी का डर लगा रहता था. लेकिन, अब उसके मेहमान पुलिस से मिल गये, तो ऐसा लग रहा है मानों बेटी का घर दोबारा बस रहा है.अब सुहाग को कुछ नहीं होगा सबजोनल कमांडर की पत्नी मंजू देवी ने बताया कि उसके पति पुलिस की शरण में आ गये हैं. इतनी तो उम्मीद है कि उसके सुहाग को अब कुछ नहीं होगा. सरकार से मदद मिलेगी, तो वह अपने बच्चों को बेहतर पढ़ाई की सुविधा देगी.

Next Article

Exit mobile version