10 दुकानदारों ने दिया एनओसी का आवेदन

10 दुकानदारों ने दिया एनओसी का आवेदनप्रभात इंपैक्टखबर छपने के बाद छोटे दुकानदारों में आयी जागरूकताबड़े प्रतिष्ठानों ने नहीं दिखायी रुचि : प्रभारी अग्निशामकसंवाददाता, गया सोमवार को प्रभात खबर में ‘आग लगी, तो कौन होगा जिम्मेदार’ शीर्षक से अग्निशमन विभाग की खबर छपने के बाद छोटे दुकानदारों में तो जागृति आयी, लेकिन बड़े प्रतिष्ठानों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2015 10:44 PM

10 दुकानदारों ने दिया एनओसी का आवेदनप्रभात इंपैक्टखबर छपने के बाद छोटे दुकानदारों में आयी जागरूकताबड़े प्रतिष्ठानों ने नहीं दिखायी रुचि : प्रभारी अग्निशामकसंवाददाता, गया सोमवार को प्रभात खबर में ‘आग लगी, तो कौन होगा जिम्मेदार’ शीर्षक से अग्निशमन विभाग की खबर छपने के बाद छोटे दुकानदारों में तो जागृति आयी, लेकिन बड़े प्रतिष्ठानों की ओर से अग्निश्मन विभाग से एनओसी लेने की कोई पहल नहीं की गयी. जानकारी के अनुसार, खबर छपने के बाद अग्निश्मन विभाग से संपर्क कर 10 दुकानदारों ने पटाखा दुकान खोलने के लिए एनओसी लेने का आवेदन दिया है. आवेदन देनेवालों में इम्तियाज, पंकज कुमार, कृष्णा कुमार, मोहम्मद इबरार, मोहम्मद शमीम अहमद, मोहम्मद मुसलिम, मधु मियां, अशोक कुमार, विकास कुमार व दीपक कुमार हैं.प्रभात खबर की अच्छी पहलगया के प्रभारी अग्निशामक हनुमान राम ने बताया कि लोगों को जगाने के लिए प्रभात खबर अखबार ने अच्छी पहल की है. खबर छपने के बाद दस दुकानदारों ने एनओसी का आवेदन दिया है. छोटे दुकानदार तो जाग गये हैं, अगर बड़े प्रतिष्ठान भी जाग जायें, तो आनेवाले समय में किसी भी हादसे को काफी हद तक रोका जा सकता है. नर्सिंग होम में आग से बचाव सबसे ज्यादा जरूरी है, क्योंकि, वहां आइसीयू में ऑक्सीजन गैस का उपयोग किया जाता है, जिससे आग के फैलने की संभावना अधिक रहती है. ऐसे में आग से बचाव का इंतजाम करना सभी प्रतिष्ठानों के मालिकों की नैतिक जिम्मेदारी बनती है. शहर में रिहायसी इलाके में छोटी-बड़ी कई फैक्टरियां चलायी जा रही हैं. उनके द्वारा तो सामान्य तौर पर भी आग से बचने की व्यवस्था नहीं की गयी है.

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