बीआरजीएफ की 708 योजनाएं लंबित
गया: त्रिस्तरीय पंचायती राज व शहरी निकाय के माध्यम से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान राशि (बीआरजीएफ) की योजनाओं का कामकाज धीमी गति से चल रहा है. गत वर्ष और चालू वित्त वर्ष के पैसे के अनुपात में खर्च कम हुआ है. खर्च का प्रतिशत 71.66 प्रतिशत है. अधिकारी बताते हैं कि काम करानेवाली एजेंसी से यूटिलाइजेशन […]
गया: त्रिस्तरीय पंचायती राज व शहरी निकाय के माध्यम से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान राशि (बीआरजीएफ) की योजनाओं का कामकाज धीमी गति से चल रहा है. गत वर्ष और चालू वित्त वर्ष के पैसे के अनुपात में खर्च कम हुआ है. खर्च का प्रतिशत 71.66 प्रतिशत है.
अधिकारी बताते हैं कि काम करानेवाली एजेंसी से यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (उपयोगिता प्रमाणपत्र) मांगा जा रहा है, बावजूद अब तक उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है. इस कारण आगे के काम के लिए मिलने वाला पैसा नहीं दिया जा रहा है. बीआरजीएफ का कामकाज जिला पर्षद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत व शहरी निकाय क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर होता है.
वर्ष 2011-12 के शेष पैसे व चालू वित्त वर्ष के पैसे मिल कर 27.03 करोड़ रुपये में से अब तक 19.37 करोड़ रुपये ही खर्च किये जा सके हैं. जबकि गत वर्ष का 17.53 करोड़ रुपये शेष बचे थे. वर्ष 2012-13 में 9.50 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है. गत वर्ष की लंबित 1327 व चालू वित्त वर्ष की ली गयी 459 योजनाएं मिल कर कुल 1786 योजनाओं में 1078 पूरी हुई है. 708 अभी तक लंबित है. योजनाओं का आवंटन व खर्च की राशि करोड़ में है.