आध्यात्मिक साधना के लिए निरोगी काया जरूरी

आध्यात्मिक साधना के लिए निरोगी काया जरूरीब्रह्माकुमारी की नूर कंपाउंड शाखा में ‘पहला सुख निरोगी काया’ पर कार्यक्रम आयोजितसंवाददाता, गयाधनतेरस के मौके पर रविवार को ब्रह्माकुमारी की नूर कंपाउंड शाखा में ‘पहला सुख निरोगी काया’ विषय पर आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी शीला बहन ने कहा कि स्वास्थ्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 11:05 PM

आध्यात्मिक साधना के लिए निरोगी काया जरूरीब्रह्माकुमारी की नूर कंपाउंड शाखा में ‘पहला सुख निरोगी काया’ पर कार्यक्रम आयोजितसंवाददाता, गयाधनतेरस के मौके पर रविवार को ब्रह्माकुमारी की नूर कंपाउंड शाखा में ‘पहला सुख निरोगी काया’ विषय पर आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी शीला बहन ने कहा कि स्वास्थ्य बहुत बड़ा धन है. काया निरोगी होने पर ही धन व जन का सुख मिलता है. आध्यात्मिक साधना के लिए काया का निरोगी होना जरूरी है. काया को निरोग बनाने के लिए मन व अन्न दोनों सात्विक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, हम सिर्फ धनतेरस के दिन नये बरतन में नया अनाज रख कर भगवान का भोग लगाते हैं. लेकिन, मानव को साल में एक दिन नहीं, बल्कि हर दिन नये बरतन में अपने भोजन का कुछ अंश परमात्मा को समर्पित करनी चाहिए. धनतेरस के दिन अच्छाई व बुराई का अंर्तद्वंद्व होता है, जिसे देवता व दानवों के समुद्र मंथन के रूप में प्रदर्शित किया जाता है. मंथन के समय परमात्मा ज्ञान का अमृत कलश लेकर आते हैं. इसी कारण धनतेरस के दिन बरतन खरीदने का रस्म की शुरुआत हुई.

Next Article

Exit mobile version