चुनाव की भेंट चढ़ा 40 प्रतिशत धान

चुनाव की भेंट चढ़ा 40 प्रतिशत धान फोटो- खेत में धान के जले फसल मेें पड़ी दरारें कम बारिश व समय पर डीजल अनुदान नहीं मिलने से उत्पन्न हुई स्थितिप्रतिनिधि, वजीरगंजविधानसभा चुनाव के बयार में खो गया आहार. दुनिया को खिलाने वाला खुद ही है फटेहाल. जी हां, इस साल भी कम बारिश होने व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 11:05 PM

चुनाव की भेंट चढ़ा 40 प्रतिशत धान फोटो- खेत में धान के जले फसल मेें पड़ी दरारें कम बारिश व समय पर डीजल अनुदान नहीं मिलने से उत्पन्न हुई स्थितिप्रतिनिधि, वजीरगंजविधानसभा चुनाव के बयार में खो गया आहार. दुनिया को खिलाने वाला खुद ही है फटेहाल. जी हां, इस साल भी कम बारिश होने व चुनाव के कारण समय पर सरकारी सहायता नहीं मिलने के कारण करीब 40 प्रतिशत धान की फसल सुखाड़ की भेंट गये, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति चरमराने की उम्मीद है. फसल नष्ट होने से किसानों व उनके परिवारों में मायूसी है. विधानसभा चुनाव के पहले व चुनाव के दौरान किसान डीजल पंपसेट से पटवन कर फसल बचाने में जुट थे. सरकार की तरफ दी जानेवाली डीजल अनुदान की राशि चुनाव आचार संहिता की भेंट चढ़ गयी. पानी के अभाव में धान के खेतों में दरारें पड़ गयीं. अब खेतों में नमी के अभाव में रबी फसल की बुआयी पर ग्रहण लगने की संभावना बढ़ गयी है. प्रखंड में बिजली सप्लाई की स्थिति सुधरी है, लेकिन महंगी दर पर बिजली मिलने के कारण कुछ संसाधन संपन्न किसान ही अपनी फसल बचा पाये. वहीं, छोटे किसान डीजल पंपसेट या पंपसेट का किराया देकर फसल बचाने में जुटे हैं.चुनाव के कारण केंद्र व राज्य सरकार के अलावा जिला प्रशासन भी किसानों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया. समस्याएं लेकर प्रखंड कार्यालय में जाने पर किसानों को जवाब मिलता था कि अभी चुनाव आचार संहिता लागू है, कुछ नहीं हो सकता. किसानों के मुताबिक भादो माह में हथिया नक्षत्र में बारिश होने पर धान की फसल को काफी लाभ पहुंचता है. साथ ही, बारिश के कारण खेतों में नमी रहने पर रबी फसल व दलहन-तेलहन की बुआयी आसान हो जाती है. अब चुनाव के बाद किसानों को केंद्र सरकार व राज्य में बनने वाली नयी सरकार से ही उम्मीदें हैं. इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी दिलीप रजक ने बताया कि इस बार कम बारिश होने के कारण किसानों द्वारा डीजल व माेटर पंपसेट से पटवन कर धान की फसल को बचाया गया है, लेकिन लक्ष्य के अनुसार धान आच्छादन के बाद भी पानी की कमी के कारण करीब 15 से 20 प्रतिशत फसल के नुकसान होने की जानकारी मिली है. वैसे सर्वे जारी है, नुकसान का आंकड़ा बढ़ भी सकता है. धान की फसल कटने के बाद नमी कम होने के कारण गेहूं आदि रबी फसल व दलहन-तेलहन लगाने के लिए अधिकतर खेतों में पटवन की जरूरत है, जिसमें क्षेत्र के किसान लगे हैं. उन्होंने कहा कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद डीजल अनुदान की राशि किसानों के बैंकखाते में भेज दी जायेगी. महागंठबंधन के कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्नफोटो- वजीरगंज चौराहे पर मिठाई बांटते दुकानदार.प्रतिनिधि, वजीरगंजटीवी पर आये रुझानों से ही विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन को मिली बहुमत के बाद जदयू, राजद व कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे से ही एक-दूसरे को ताजा रुझान मोबाइल व व्हाट्सएप पर लेते व देते रहे. करीब चार बजे तक मिले नतीजों से उत्साहित महागंठबंधन के स्थानीय व कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार किया. वहीं, एनडीए के कार्यकर्ता व नेताओं में मायूसी छायी रही. महागंठबंधन की जीत की खुशी पर वजीरगंज चौराहे पर स्थित कुछ दुकानदारों ने कई किलो लड्डू आमलोगों में बांट दिये. प्रखंड क्षेत्र के देहाती इलाकों में भी महागंठबंधन के समर्थक आतिशबाजी कर खुशी का इजहार करते देखे गये. हर किसी को यही लग रहा था कि हमने जिसे वोट दिया, वह जीत गया. जदयू प्रखंड अध्यक्ष अरविंद लोहानी, कमलेश कुमार वर्मा, जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष विनोद शर्मा, सीताराम सिंह, अयोध्या प्रसाद अधिवक्ता, श्यामसुंदर रजक, बच्चु प्रसाद, विजय प्रसाद, डाॅ उदय वर्मा, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष रामाधार सिंह, रामाश्रय प्रसाद सिंह, पुनावां पंचायत के मुखिया रुपेंद्र प्रताप सिंह, राजद प्रखंड अध्यक्ष अनूज कुमार विद्यार्थी, दिनेश यादव, कैलाश यादव, जतन यादव,वजीरगंज पूर्व प्रमुख जर्नाधन सिंह, नगेंद्र सिंह, राजाराम प्रसाद व सिदेश्वर तांती सहित अन्य ने लालू-नीतीश व सोनिया गांधी के साथथथ नवनिर्वाचित विधायक अवधेश कुमार सिंह को बधाई दी. जदयू प्रखंड अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव में महागंठबंधन को जीत दिला कर बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को उचित मजदूरी दी है. दूसरी तरफ, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष विनय सिंह ने कहा कि चुनाव में मिली हार पर पार्टी के बड़े नेताओं में मंथन होगा. माननीय प्रधानमंत्री की देखरेख में सबका साथ सबका विकास के तर्ज तेजी से विकास कार्य किया जायेगा, ताकि मेक इन इंडिया का सपना पूरा हो सके.

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